बाप ने बनाया साम्राज्य, बेटों ने किए टुकड़े, फिर भी बज रहा डंका

भारत के कई पुराने और बड़े बिजनेस ग्रुप बंटवारे के कारण टुकड़ों में बंट गए। हालांकि फिर भी इनकी पॉपुलैरिटी और दबदबे पर कोई फर्क नहीं पड़ा। इनमें रिलायंस, हल्दीराम, गोदरेज और बजाज ग्रुप शामिल है। इनमें से कुछ 100 से अधिक साल पुराने बिजनेस ग्रुप भी हैं। आइए जानते हैं इनका बंटवारा कब और क्यों हुआ।

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​रिलायंस के फाउंडर​

रिलायंस के फाउंडर धीरूभाई अंबानी का 2002 में देहांत हो गया। 2 साल बाद धीरूभाई के बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के बीच विवाद सबके सामने आ गया। उनकी मां कोकिलाबेन ने दोनों बेटों के बीच बंटवारा कर दिया। तब मुकेश को ऑयल रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल का कारोबार मिला, जबकि अनिल को टेलीकॉम, फाइनेंस और इलेक्ट्रिसिटी बिजनेस मिले।

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​बजाज ग्रुप​

1926 में शुरू हुआ बजाज ग्रुप 2008 में परिवार के सदस्यों के बीच मतभेदों के कारण बंट गया गया। दो भाइयों राहुल बजाज और शिशिर बजाज ने अलग होने का फैसला किया। दिलचस्प बात यह है कि उनके चचेरे भाई शेखर बजाज, मधुर बजाज और नीरज बजाज ने राहुल बजाज का साथ देने का फैसला किया।

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बन गया नया ग्रुप

राजीव बजाज, संजीव बजाज, शेखर बजाज, मधुर बजाज और नीरज बजाज की कंपनियों को "बजाज ग्रुप" के नाम से जाना जाता है। वहीं राहुल के भाई शिशिर बजाज और कुशाग्र बजाज की कंपनियों को SKB (शिशिर कुमार बजाज) ग्रुप के नाम से जाना जाता है।

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​गोदरेज ग्रुप​

गोदरेज ग्रुप की शुरुआत सन 1897 में दो भाइयों अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने की और अब 127 साल पुराने गोदरेज ग्रुप का बंटवारा हो गया है। बंटवारे से पहले ही गोदरेज फैमिली में दो बिजनेस ग्रुप बन गए थे। गोदरेज इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएट्स की कमान आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज के पास आ गई है।

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​गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ​

गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की कमान आदि गोदरेज के चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज के पास है। गोदरेज परिवार की 3400 एकड़ जमीन जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज को मिली है।

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​गंगा बिशन अग्रवाल ​

1919 में गंगा बिशन अग्रवाल ने हल्दीराम की शुरुआत की। गंगा बिशन के बेटे रामेश्वरलाल पिता और अपने दो भाइयों से अलग हो गए। बाद में गंगा बिशन के पोते शिव किशन अग्रवाल ने बीकाजी की शुरुआती की, जो हल्दीराम की ही तरह एक फेमल नमकीन-स्नैक्स ब्रांड है। यानी हल्दीराम और बीकाजी दोनों को एक ही परिवार चलाता है।