इन घरानों तक नहीं पहुंची बंटवारे की आँच, छोटे से धंधे को बना दिया साम्राज्य

भारत में कई पुराने बिजनेस ग्रुप हैं। इनमें कई 100-150 साल पुराने भी हैं। इनमें टाटा ग्रुप, गोदरेज ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप और वाडिया ग्रुप शामिल हैं। समय के साथ नई पीढ़ियों ने कुछ पुराने बिजनेस ग्रुपों का बंटवारा कर लिया। मगर टाटा-बिड़ला जैसे पुराने ग्रुप आज भी बिना बंटवारे के चल रहे हैं और खूब ग्रोथ हासिल कर रहे हैं।

टाटा ग्रुप की शुरुआत
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​टाटा ग्रुप की शुरुआत​

156 साल पहले 1868 में टाटा ग्रुप की शुरुआत Jamshedji Tata ने की थी। इस ग्रुप में आज तक बंटवारा नहीं हुआ। टाटा ग्रुप की मार्केट कैप 33.2 लाख करोड़ रु है।

आदित्य बिड़ला ग्रुप की शुरुआत
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​आदित्य बिड़ला ग्रुप की शुरुआत​

आदित्य बिड़ला ग्रुप की शुरुआत 1857 में Seth Shiv Narayan Birla ने की थी। इस ग्रुप की वैल्यू करीब 5.5 लाख करोड़ रु है। ये ग्रुप भी आज तक नहीं बंटा।

वाडिया ग्रुप
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​वाडिया ग्रुप​

वाडिया ग्रुप भारत का वो सबसे पुराना बिजनेस ग्रुप है, जो आज तक चल रहा है। इसकी शुरुआत 1736 में Lovji Nusserwanjee Wadia ने की थी। इस ग्रुप के चेयरमैन हैं नुस्ली वाडिया, जिनकी नेटवर्थ करीब 42800 करोड़ रु है।

डाबर ग्रुप
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​डाबर ग्रुप ​

डाबर ग्रुप की शुरुआत 1884 में एसके बर्मन ने की थी। ये देश के प्रमुख एफएमसीजी ब्रांड्स में से एक है। इसे चलाने वाली बर्मन फैमिली की नेटवर्थ करीब 75520 करोड़ रु है।

द ओबेरॉय ग्रुप
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​द ओबेरॉय ग्रुप ​

1934 में Rai Bahadur Mohan Singh Oberoi ने प्रमुख होटल ग्रप द ओबेरॉय ग्रुप की शुरुआत की थी। इस ग्रुप के 32 लग्जरी होटल और कुल नेटवर्थ 14,283.38 करोड़ रु है।

हिंदुजा ग्रुप
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​हिंदुजा ग्रुप​

फैमिली में कई चुनौतियों के बावजूद अभी तक 1914 में शुरू हुए हिंदुजा ग्रुप में बंटवारा नहीं हुआ है। 110 साल पहले Parmanand Deepchand Hinduja ने इस ग्रुप को शुरू किया था।

हिंदुजा फैमिली की नेटवर्थ
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​हिंदुजा फैमिली की नेटवर्थ​

हिंदुजा फैमिली की नेटवर्थ 1.67 लाख करोड़ रु है। बता दें कि इस ग्रुप ने 2 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया हुआ है।

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