​Potato Disease: ये तीन रोग कर देंगे आलू की फसल चौपट, समय रहते जरूर कर लें ये काम

Potato Disease: देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है। हालांकि, कई बार आलू में कई तरह की बीमारियां भी लग जाती है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इन बीमारियों की पहचान की जाए और इसके रोकथाम व बचाव के लिए सही कदम उठाया जाए। ​

आलू की खेती
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आलू की खेती

देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है। हालांकि, कई बार आलू में कई तरह की बीमारियां भी लग जाती है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इन बीमारियों की पहचान की जाए और इसके रोकथाम व बचाव के लिए सही कदम उठाया जाए।

सफेद भृंग कीट लगने पर करें ये उपाय
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सफेद भृंग कीट लगने पर करें ये उपाय

आलू के पौधे जब बड़े होते हैं तो कई बार उसमें सफेद भृंग कीट संक्रमण देखा जाता है। ये मादा कीट मिट्टे में अंडे देती है, जिससे मटमैले रंग के कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे आलू का पैदा सूख जाता है। इस संक्रमण से बचने के लिए शाम के 7 से 9 बजे के बीच में 1 लाइट ट्रैप प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को कार्बोफ्यूरान 3 जी की 25 किलो मात्रा (प्रति हेक्टेयर) का उपयोग बुवाई के समय या कुछ दिनों के बाद करना चाहिए।और पढ़ें

पछेती झुलसा रोग के लक्षण
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पछेती झुलसा रोग के लक्षण

आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग होने की वजह से पौधे की पत्तियों के किनारे और ऊपर का भाग सूख जाता है। साथ ही इस रोग से किसानों को उत्पादन में 40 से 50 फीसदी का नुकसान होता है। ऐसे में इससे बचने के लिए बुवाई के 15 दिनों के अंतराल पर मैंकोजेब 175 प्रतिशत की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।और पढ़ें

ज्यादा संक्रमण पर करें ये काम
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ज्यादा संक्रमण पर करें ये काम

पछेती झुलसा रोग का अधिक संक्रमण होने पर मैंकोजेब, मेटालैक्सिल और कार्बेण्डाजिम मैन्कोजेब को मिलाकर करीब 2 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी मिलाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए। इस छिड़काव से आप अपनी फसल को बर्बाद होने से बचा सकते हैं।

अगेती झुलसा रोग से ऐसे करें बचाव
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अगेती झुलसा रोग से ऐसे करें बचाव

आलू की फसल में अगेती झुलसा रोग के संक्रमण से पोधे की पत्तियों पर भूरे रंग का धब्बा बना जाता है। इस धब्बे का आकार गोल और अंगूठी जैसा लगता है। इस रोग से उत्पादन में 70 फीसदी असर पड़ता है। इस रोग से बचने के लिए किसानों को खेत को साफ-सुथरा रखना चाहिए। किसान मैंकोजेब 75 प्रतिशत की 2 ग्राम मात्रा या कार्बेन्डाजिम और मैन्कोजेब को मिलाकर उसकी कुल 2 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं।और पढ़ें

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