Ratan Tata birth anniversary: वो 5 बड़े मुकाम जो रतन टाटा ने किए हासिल, बदल दिया कामयाबी का मतलब

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था। रतन टाटा ने लीडरशिप, मेहनत और ईमानदारी के लिहाज से अपनी बहुत खास पहचान बनाई। टाटा संस के चेयरमैन के रूप में, उन्होंने क्वालिटी, सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी जैसी चीजों को बढ़ावा दिया। यहां हम आपको उनकी 5 बड़ी कामयाबियों की जानकारी देंगे।

01 / 05
Share

रतन टाटा

1971 में रतन टाटा टाटा की सब्सिडियरी कंपनी नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (NELCO) के निदेशक बने। उनकी लीडरशिप में NELCO ने जोरदार वापसी की, जिससे बिजनेसों में फिर से जान डालने की रतन टाटा की क्षमता का पता चला।

02 / 05
Share

टाटा संस के चेयरमैन

1991 में रतन टाटा ने जेआरडी टाटा की जगह टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला। उनके कार्यकाल में साहसिक फैसले लिए गए और वैश्विक स्तर पर ग्रुप का विस्तार हुआ, जिसमें टेटली (2000), कोरस स्टील (2007) और जगुआर लैंड रोवर (2008) को खरीदना शामिल है। इससे टाटा ग्रुप की ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उपस्थिति मजबूत हुई।

03 / 05
Share

1998 में टाटा इंडिका की लॉन्च

रतन टाटा ने 1998 में टाटा इंडिका के लॉन्च के साथ भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में क्रांति ला दी, जो देश की पहली स्वदेशी कार थी। इसके बाद 2008 में किफायती टाटा नैनो पेश की।

04 / 05
Share

पहले जैसा बनाया

2008 में ही ताज होटल पर हमला हुआ। मगर रतन टाटा ने ताज होटल को फिर से पहले जैसा बनाने का संकल्प लिया और ये करके दिखाया। उन्होंने दुनिया के सामने न झुकने वाली मिसाल पेश की।

05 / 05
Share

2000 में पद्म भूषण

अपने योगदान के लिए रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 2012 में वे टाटा संस के चेयरमैन पद से रिटायर हुए और अपने पीछे इनोवेशन और ईमानदारी की विरासत छोड़ गए।