गांठ बांध लें रतन टाटा की ये 8 बातें, बिजनेस में मिलेगी सफलता की गारंटी

Ratan Tata Success Mantra: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन स्वर्गीय रतन टाटा भारत में विनम्रता, सफलता और नेतृत्व का पर्याय बन चुके हैं। वे सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं थे, बल्कि नैतिकता और ईमानदारी के प्रतीक भी थे। अपने शानदार करियर के दौरान, टाटा ने हमें ऐसे अनमोल चीजें सिखा गए जो बिजनेस करने के लिए काफी उपयोगी हैं। उनकी बातें पर्सनल फाइनेंस से गहराई से जुड़े हैं। आइए उनके जीवन से कुछ खास चीजें सीखें जो हमें अपने पैसे, निवेश और जीवन को मैनेज करने में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

दूरदर्शी बनें वर्तमान से परे सोचें
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दूरदर्शी बनें, वर्तमान से परे सोचें

रतन टाटा भविष्य में दूर तक देखने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने साहसिक कदम उठाए जिसके बारे कम समय में समझना आसान नहीं था, लेकिन लंबे समय में बहुत फायदेमंद साबित हुए। मिशाल के तौर पर जब रतन टाटा ने 2008 में जगुआर लैंड रोवर (JLR) का अधिग्रहण करने का फैसला किया, तो कई आलोचकों ने इसे गलत फैसला बताया। वैश्विक वित्तीय संकट पूरे जोरों पर था और JLR को नुकसान हो रहा था। टाटा ने संभावना देखी और दूसरों ने जोखिम देखा। आज की बात करें तो जेएलआर टाटा समूह के पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण रत्न बन चुका है, जो ग्रुप के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वैसे ही व्यक्तिगत फाइनेंस में लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है। रोजमर्रा के खर्चों या अल्पकालिक बाजार उतार-चढ़ाव में फंसना आसान है। हालांकि सच्ची वित्तीय सफलता लॉन्ग टर्म लक्ष्य निर्धारित करने और उनके लिए लगातार काम करने से आती है।और पढ़ें

इनोवेशन को अपनाएं
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इनोवेशन को अपनाएं

रतन टाटा हमेशा इनोवेशन के हिमायती रहे हैं। उन्होंने अपनी कंपनियों को अलग तरीके से सोचने और बदलते समय के हिसाब से ढलने के लिए प्रोत्साहित किया। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक घरेलू खिलाड़ी से वैश्विक IT पावरहाउस में बदल गई। उन्होंने IT इंडस्ट्री की क्षमता को बहुत पहले ही पहचान लिया था और TCS की क्षमताओं के निर्माण में भारी निवेश किया था। और पढ़ें

नैतिकता और ईमानदारी बरतें
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नैतिकता और ईमानदारी बरतें

अपने पूरे करियर के दौरान रतन टाटा ने व्यावसायिक नैतिकता के मामले में बेदाग प्रतिष्ठा बनाए रखी है। चाहे कर्मचारियों, भागीदारों या प्रतिस्पर्धियों के साथ व्यवहार करना हो, टाटा ने हमेशा ईमानदारी से काम किया है। कॉर्पोरेट रणनीतियों से लेकर परोपकार के प्रयासों तक, उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया उनके नैतिकता को बताता है। अपने फाइनेंस का प्रबंधन करते समय, हमेशा ईमानदारी से काम करें। चाहे आप निवेश, टैक्स या किसी भी वित्तीय निर्णय से निपट रहे हों, नैतिकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।और पढ़ें

सादगी का वैल्यू समझें
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सादगी का वैल्यू समझें

रतन टाटा की सबसे खास विशेषताओं में से एक उनकी विनम्रता थी। भारत के सबसे बड़े ग्रुप में से एक का नेतृत्व करने के बावजूद, टाटा हमेशा जमीन से जुड़े रहे। यह विनम्रता इस बात में भी झलकती है कि उन्होंने अपनी संपत्ति को कैसे संभाला है। कई अरबपतियों के विपरीत, टाटा एक साधारण जीवन जीते हैं। उनका ध्यान हमेशा अपनी संपत्ति का दिखावा करने के बजाय वैल्यू बनाने पर रहा है। पर्सनल फाइनेंस में सरलता से अधिक धन और खुशी मिल सकती है। यह इस बारे में नहीं है कि आप कितना कमाते हैं, बल्कि यह है कि आप कितना बचाते हैं और समझदारी से निवेश करते हैं। पर्सनल फाइनेंस में यह सबक महत्वपूर्ण है। अपनी क्षमता से कम खर्च करना। बहुत से लोग, जब कमाना शुरू करते हैं तो लाइफ स्टाइल की महंगाई में फंस जाते हैं। अपनी आय बढ़ने पर बड़े घरों, लक्जरी कारों या महंगे गैजेट्स पर खर्च करते हैं। हालांकि रतन टाटा के मुताबिक असली धन अपनी क्षमता के अनुसार जीने और भोग-विलास के बजाय लॉन्ग टर्म वित्तीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में है।और पढ़ें

असफलताओं से सीखें और आगे बढ़ें
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असफलताओं से सीखें और आगे बढ़ें

रतन टाटा की यात्रा हमेशा आसान नहीं रही। उनकी सबसे बड़ी असफलताओं में से एक टाटा नैनो की विफलता थी। दुनिया की सबसे सस्ती कार के तौर पर मार्केटिंग की गई, नैनो से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में क्रांति आने की उम्मीद थी। हालांकि खराब मार्केटिंग और धारणा के कारण, इसे वह सफलता नहीं मिली जिसकी उम्मीद थी। लेकिन हार मानने के बजाय, रतन टाटा ने इस अनुभव का उपयोग सीखने और अन्य उपक्रमों में आगे बढ़ने के लिए किया। निवेश में हर फैसला सफल नहीं होगा। बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है और हो सकता है कि आपके निवेश से हमेशा वह रिटर्न न मिले जिसकी आप उम्मीद करते हैं। जो मायने रखता है वह है अपनी गलतियों को समझना, उनसे सीखना और आगे बढ़ना।और पढ़ें

साहसी बनें लेकिन कैल्कुलेशन करें
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साहसी बनें, लेकिन कैल्कुलेशन करें

रतन टाटा ने कभी भी साहसिक निर्णय लेने से परहेज नहीं किया, चाहे वह नए प्रोडक्ट लॉन्च करना हो या ग्लोबल स्तर पर विस्तार करना हो। हालांकि उनके जोखिम हमेशा कैल्कुलेशन किए हुए होते थे। वे संभावित रिजल्ट का गहन विश्लेषण किए बिना कभी भी आगे नहीं बढ़ते थे। जब कई लोगों को सौदे की सफलता पर संदेह था, तब जगुआर लैंड रोवर में निवेश करने का उनका निर्णय एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। निवेश में विकास के लिए जोखिम उठाना जरूरी है, लेकिन उन्हें कैल्कुलेशन करके ही लिया जाना चाहिए। कोई भी वित्तीय फैसला लेने से पहले जोखिमों को समझें। चाहे शेयर बाजार में प्रवेश करना हो या व्यवसाय शुरू करना हो, संभावित नुकसानों का आकलन करें और उनके लिए तैयार रहें। अगर आप इक्विटी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो सिर्फ सुनकर या देखकर इसमें न उतरें। कंपनी पर रिसर्च करें, बाजार को समझें और जोखिमों का आकलन करें। जिस तरह टाटा ने अपने कदम सावधानी पूर्वक उठाए उसी तरह आपके वित्तीय फैसले भी गहन विश्लेषण करके लेना चाहिए।और पढ़ें

धैर्य रखें
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धैर्य रखें

रतन टाटा अपने धैर्य और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं। उनके फैसलों को सफल होने में सालों लग गए, लेकिन वे अपने विजन के प्रति प्रतिबद्ध रहे। जब टाटा मोटर्स नैनो विकसित कर रही थी, तो उसे कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसमें पूरे मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को ट्रांसफर करना भी शामिल था। इन चुनौतियों के बावजूद टाटा ने दृढ़ता दिखाई और नैनो को आखिरकार 2009 में लॉन्च किया गया। धैर्य वास्तव में एक गुण है। धन संचय करने में समय लगता है और जल्दी से अमीर बनने की कोशिश अक्सर गलत वित्तीय निर्णयों की ओर ले जाती है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि शॉर्ट टर्म अस्थिरता के बावजूद शेयर बाजार में निवेश करना या लंबी अवधि की बचत योजना पर टिके रहना चाहिए भले ही ऐसा लगे कि प्रगति धीमी है।और पढ़ें

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