ये है चीन के इतिहास का सबसे अमीर परिवार, भारत से रहा खास नाता

Richest Family in China History: हम आपको चीन के ऐसे परिवार के बारे में बताएंगे जिसके पास चीन में सबसे पावरफुल और बड़ा बिजनेस साम्राज्य था। उन्होंने के करीब 100 साल चीन के बाजार में राज किया, लेकिन बाद में परिवार का बिजनेस खो सा गया। इस परिवार का ताल्लुक भारत से भी रहा।

सैसून हाउस
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सैसून हाउस

हम बात कर रहे हैं शंघाई के व्यस्त डाउनटाउन क्षेत्र में, सैसून हाउस की जो झिलमिलाती हुआंग्पू नदी के किनारे, ऐतिहासिक बंड पर एक आर्ट डेको इमारत अपनी हरी पिरामिड छत के साथ अलग दिखती है। इसे अब फेयरमोंट पीस होटल कहते हैं, डो एशिया में बनी पहली गगनचुंबी इमारतों में से एक थी।

हर रात भव्य समारोह
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हर रात भव्य समारोह

होटल की वेबसाइट के मुताबिक अमीर लोग के लिए एक ग्लैमरस से भरा खेल का मैदान था, जहाँ हर रात भव्य समारोह और पेरिसियन फैशन शो होता था। ये किस्सा 1839 के प्रथम अफीम युद्ध के बाद शुरू हुआ और 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद खत्म हुआ।

फिर कैसे ससून परिवार का हुआ पतन
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फिर कैसे ससून परिवार का हुआ पतन

1937 में जापानी सेना के शंघाई पर आक्रमण कर दिया और यही से ससून परिवार के बुरे दिन शुरू हुए। शंघाई विदेशी और फ्रेंच क्षेत्रों में शरणार्थियों की जगह बन गया था। विक्टर ससून ने जापानियों के साथ समझौते किए, लेकिन 1941 में जापानी सेना ने शंघाई के पूरे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और यहूदी शरणार्थियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।और पढ़ें

शंघाई से भागकर 1941 में बंबई आ गए
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शंघाई से भागकर 1941 में बंबई आ गए

ऐसे माहौल के बीच वह शंघाई से भागकर 1941 में बंबई आ गए। जब दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ तो वह चीन गए वहां अपना सब कुछ बेच दिया। इसके बाद वह बहामास चले गए।

ससून आज भी भारत और चीन के इतिहास में दर्ज
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ससून आज भी भारत और चीन के इतिहास में दर्ज

विक्टर ससून के बच्चे भी नहीं थे। उनका 1961 में 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। परिवार भले ही खत्म हो गया लेकिन ससून आज भी भारत और चीन के इतिहास में दर्ज है। महाराष्ट्र में ससून के नाम से आज भी अस्पताल हैं। ससून भारत में भी दान करते थे।

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