पापा की परी नहीं पार्टनर बन कर रही हैं कमाल, अरबों का है खेल

बिजनेस की दुनिया में ऐसी कई परिवार हुए, जिनमें पिता के साथ उनके बेटों ने बिजनेस को संभालाने का काम किया। बहुतों ने पिता के नहीं रहने पर बिजनेस को आगे बढ़ाया और उसे बहुत ऊंचाई पर पहुंचाया। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब ट्रेंड बदल रहा है। कई बिजनेसमेन अब अपनी बेटियों को अपने बिजनेस की जिम्मेदारी दे रहे हैं। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसी बिजनेस फैमिली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बिजनेस में पिता के साथ उनके बेटियों का भी बड़ा अहम रोल रहा। चलिए इनके बारे में जानते हैं।

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​डिवीज लैबोरेटरीज के फाउंडर​

डिवीज लैबोरेटरीज के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मुरली के. डिवी 2024 में हैदराबाद के सबसे अमीर आदमी हैं। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2024 के मुताबिक, 73 साल उद्यमी की कुल दौलत 7 बिलियन डॉलर (लगभग 58,395 करोड़ रुपये) है।

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​नीलिमा प्रसाद डिवी​

अरबपति के बिजनेस को उनकी बेटी नीलिमा प्रसाद डिवी संभाल रही हैं। नीलिमा प्रसाद डिवी हैदराबाद के सबसे अमीर आदमी मुरली डिवी की बेटी और एक सफल व्यवसायी हैं। वह डिवीज़ लैबोरेटरीज में डायरेक्टर हैं। फोर्ब्स के अनुसार, डिवीज़ लैबोरेटरीज का सालाना रेवेन्यू $965 मिलियन (लगभग 8,049 करोड़ रुपये) है।

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​जयंती चौहान​

बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान अपने पिता के कारोबार को आगे बढ़ा रही हैं। वैसे तो जयंती कई साल से बिसलेरी के बिजनेस से जुड़ी हैं। उनका फोकस बिसलेरी के पोर्टफोलियो ब्रॉन्ड वेदिका पर रहा है। जयंती मात्र 24 साल की उम्र से अपने पिता की देखरेख में बिसलेरी के कारोबार को संभाल रही हैं।

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​अद्वैता नायर​

देश की महिलाओं के बीच फैशन रिटेल ब्रॉन्ड नायका की पहचान सबसे अलग है। इसे फाल्गुनी नायर ने अपने दमपर खड़ा किया है। लेकिन आज उन्हें इस बिजनेस को संभालने में अपनी 31 वर्षीय बेटी अद्वैता नायर का पूरा साथ मिल रहा है। वह फैशन रिटेल ब्रॉन्ड नायका की को-फाउंडर और सीइओ हैं। वह मां के बिजनेस में उनका हाथ बंटा रही हैं। नायका कंपनी 400 ब्रांड के साथ 40 शहरों में 20 वेयरहाउस और 80 स्टोर में अपना कारोबार कर रही है।

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​रोशनी नाडर​

रोशनी नाडर को जुलाई 20 में पिता शिव नाडर की जगह एचसीएल का चेयरपर्सन बनाया गया था। मार्च 2020 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 8,969 करोड़ रु. था, जिसे कोरोना के बाद भी मार्च 22 तक 10874 करोड़ रु. तक पहुंचाया।