अंबानी-गोदरेज की तरह अलग नहीं हुआ इस अरबपति का परिवार, जवानी में दिमाग लगाकर बना लिए 1400 करोड़

भारतीय अरबपति और एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शशि की सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है। उन्होंने 1965 में अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में अपना कारोबारी सफर शुरू किया। फिर 1969 में अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर Essar Group की स्थापना की।

शशि रुइया
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शशि रुइया

शशि रुइया ने बचपन से ही परिवार के बिजनेस में रुचि दिखाई। उन्होंने विदेश में पढ़ाई का मौका छोड़ फैमिली बिजनेस में शामिल होना पसंद किया। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार 17 साल की उम्र में उन्हें फैमिली बिजनेस में अहम जिम्मेदारी मिल गयी। उसके बाद उन्होंने एस्सार ग्रुप की नींव रखी।

पारिवारिक एकता में विश्वास
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पारिवारिक एकता में विश्वास

शशि रुइया पारिवारिक एकता में विश्वास रखते थे। यह सिद्धांत रुइया परिवार में गहराई से समाया हुआ है। अंबानी, हिंदुजा, गोदरेज जैसे परिवारों के मुकाबले रुइया में परिवार में बिजनेस को लेकर मतभेद नहीं हुए। परिवार की तीसरी पीढ़ी भी एक साथ मिलकर मुंबई, दिल्ली और लंदन से कारोबार कर रही है।

एस्सार ग्रुप
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एस्सार ग्रुप

एस्सार ग्रुप आज करीब 1400 करोड़ रु की वैल्यू रखता है और 35 देशों में इसका नेटवर्क है। इसका श्रेय शशि रुइया को दिया जाता है, जिन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर 2.5 करोड़ रु के शुरुआती ऑर्डर के साथ एस्सार ग्रुप की स्थापना की थी।

कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग फर्म
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कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग फर्म

ग्रुप ने एक कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग फर्म के रूप में शुरुआत की थी, मगर बाद में एनर्जी, स्टील, टेलीकॉम, रिफाइनरी, रिन्यूएबल एनर्जी और हाइड्रोकार्बन सेक्टर में एंट्री की। हालांकि बीच में ग्रुप के स्टील और टेलीकॉम को झटका लगा, जिससे इस पर कर्ज बढ़ गया। मगर कर्ज चुकाकर शशि रुइया ने अपने बिजनेस का विस्तार बरकरार रखा।और पढ़ें

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