इन 5 अरबपतियों का कभी देश में बजता था डंका, जानें फिर कैसे हुए बर्बाद

Indian Billionaires Who Went From Riches To poor: हमारे देश में भी कुछ लोग हैं, जो एक समय कामयाबी की बुलंदी पर थे, लेकिन कुछ गलतियों की वजह अपना सबकुछ खो दिया। उस समय उनके पास सबकुछ था, दौलत थी, शोहरत थी... लेकिन देखते ही देखते सबकुछ बर्बाद हो गया। आज हम आपको 5 ऐसे अरबपतियों के बारे में बता रहे हैं जिनका करोड़ों का कारोबार डूब चुका है।

जयप्रकाश गौड़
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​जयप्रकाश गौड़ ​

जयप्रकाश गौड़ का बनाया गया जेपी समूह आज अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। 1980 के दशक में सरदार सरोवर और टिहरी नामक दो विशाल बांधों का निर्माण करके गौड़ परिवार पॉपुलर हुआ था। रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर में उछाल के कारण 2000 से 2010 के बीच समूह को गजब की ग्रोथ मिली। इसने रियल एस्टेट, बिजली और सीमेंट में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। और पढ़ें

जयप्रकाश ग्रुप की तीन कंपनियां
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जयप्रकाश ग्रुप की तीन कंपनियां

तीन कंपनियों - जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल), जयप्रकाश पावर वेंचर्स (जेपीवीएल) और जेपी इंफ्राटेक का कुल मिलाकर रेवेन्यू वित्त वर्ष 2015 तक सात वर्षों में 476 फीसदी बढ़कर 27,925 करोड़ रुपये हो गया था। गौर परिवार के पास अब दो बिजनेस बचे हैं। जिनमें जेएएल और जेपीवीएल शामिल है। वित्त वर्ष 2021 में जेएएल को 667 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि जेपीवीएल ने 281 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।और पढ़ें

बिनानी का साम्राज्य कैसे ढह गया
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​बिनानी का साम्राज्य कैसे ढह गया​

ब्रज भूषण बिनानी ने जब बिनानी सीमेंट शुरू की, तो उनकी बेटियाँ श्रद्धा और निधि बिनानी सिंघानिया हमेशा उनके साथ रहीं। निर्माण व्यवसाय में मंदी ने बिक्री और मार्जिन को प्रभावित किया। बिनानी सीमेंट ने वित्त वर्ष 17 में 347 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 11 में 181 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। वित्तीय लेनदारों ने बिनानी सीमेंट से 9,469 करोड़ रुपये का दावा किया, जबकि कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही थी। बिनानी अभी भी होल्डिंग कंपनी बीआईएल को नियंत्रित करते हैं, जिसने वित्त वर्ष 20 में 1,642 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 1,255 करोड़ रुपये का समेकित घाटा दर्ज किया था। नवंबर 2019 में जब इसे डीलिस्ट किया गया था, तब इसका मार्केट कैप सिर्फ 17 करोड़ रुपये था।और पढ़ें

नीरज सिंघल का बीएसएल
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​नीरज सिंघल का बीएसएल​

2017 में बीएसएल के दिवालिया होने के बाद नीरज सिंघल के पास कोई खास कारोबार नहीं है। मार्च 2014 में बीएसएल की मार्केट वैल्यू 10,267 करोड़ रुपये थी, लेकिन अगले एक साल में यह एक-सातवें हिस्से की गिरावट के साथ 1,492 करोड़ रुपये रह गई, जिसका कारण कंपनी पर कर्ज का बोझ और चल रही जांच थी। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक सिंघल बंधुओं के पास कोई अन्य व्यवसाय नहीं है, लेकिन उनके पास निजी संपत्ति होगी।और पढ़ें

दिनेश शाहरा का रुचि सोया बिजनेस
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​दिनेश शाहरा का रुचि सोया बिजनेस​

दिनेश शाहरा ने 1955 में खाद्य तेल का बिजनेस शुरू किया था। उन्होंने 1986 में रुचि सोया की स्थापना की। 25 सालों में, यह 30,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई, जो देश में खाद्य तेलों, सोया खाद्य, प्रीमियम टेबल स्प्रेड, वनस्पति और बेकरी का सबसे बड़ा मार्केट था। मार्च 2011 में रुचि सोया का पीक वैल्यूएशन 3,521 करोड़ रुपये थी। नवंबर 2011 में परेशानी शुरू हुई जब इंडोनेशिया, जहां से रुचि सोया कच्चे माल का सोर्स है, ने देश में रिफाइनिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कच्चे खाद्य तेल के निर्यात पर टैक्स बढ़ा दिया और रिफाइन तेल के निर्यात पर चार्ज कम कर दिया। मार्च 2018 में बाजार पूंजीकरण 517 करोड़ रुपये तक गिर गया। दिवालिया प्रक्रिया में रुचि सोया को पतंजलि आयुर्वेद को बेच दिया गया।और पढ़ें

वेणुगोपाल धूत
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​वेणुगोपाल धूत ​

वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत भी फर्जीवाडे़ के मामले में जेल जा चुके हैं। ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने लोन देने में वीडियोकॉन ग्रुप का फेवर किया था। जिसके बाद वीडियोकॉन ग्रुप ने चंदा कोचर के परिवार को दूसरे रास्ते से लाभ पहुंचाया। करीब 70 साल के वेणुगोपाल धूत की भी गिरफ्तारी ICICI बैंक फ्रॉड मामले हुई थी। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार 2015 में धूत की संपत्ति करीब 1.19 अरब डॉलर थी। उस समय वे भारत के 61वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। साल 2018 में वीडियोकॉन कंपनी खुद को दिवालिया कार्यवाही के लिए NCLT में अर्जी दी।और पढ़ें

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