तिरूपति बालाजी मंदिर के पास 8496 करोड़ का सोना, लड्डू की बिक्री से होती है इतनी कमाई

लड्डू प्रसाद को लेकर आंध्र प्रदेश की तिरुपति बालाजी मंदिर इन दिनों चर्चा में है। तिरुपति बालाजी मंदिर को दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। इसके पीछे वजह यहां किया गया भक्तों द्वारा दान है। चलिए जानते हैं कि मंदिर में चढावे के रूप में कितना सोना मिला और उसकी कीमत कितनी है।

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​ मंदिर में 1031 किलो सोने का चढ़ावा​

इतना महंगा सोना होने के बावजूद साल 2023 में भक्तों ने मंदिर में 1,031 किलो सोने का चढ़ावा चढ़ाया। इसकी कीमत करीब 773 करोड़ रुपये आंकी गई। तिरुपति ट्रस्ट के पास कुल 11,329 किलो सोना है जिसकी कीमत करीब 8,496 करोड़ रुपये है।

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​कई बैंकों में गोल्ड डिपॉजिट ​

तिरुपति बालाजी मंदिर का मैनेजमेंट ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम करता है। उसने गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत कई बैंकों में गोल्ड डिपॉजिट किया है। ट्रस्टों ने बैंकों में 13,287 करोड़ रुपये एफडी के रूप में जमा किए हैं जिस पर सालाना 1,600 करोड़ रुपये का ब्याज मिलता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल, 2024 तक तिरुपति ट्रस्ट के पास रेकॉर्ड 18,817 करोड़ रुपये का कैश बैलेंस है।

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​5,000 करोड़ रुपये का बजट​

ट्रस्ट ने 2024-25 के लिए 5,141.74 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। यह पहला मौका है जब ट्रस्ट का बजट 5,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा है।

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​प्रसादम की बिक्री से 600 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान​

ट्रस्ट को प्रसादम की बिक्री से 600 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है। इसी तरह दर्शन टिकट से 338 करोड़ रुपये, कर्मचारियों को दिए गए लोन और एडवांसेज से 246.39 करोड़ रुपये की उम्मीद है।

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तिरुपति बालाजी मंदिर को कहां से कितनी कमाई

ट्रस्ट को 129 करोड़ रुपये अन्य पूंजी प्राप्तियों से, 150 करोड़ रुपये अर्जित सेवा टिकट से, 151.5 करोड़ रुपये कल्याणकत्ता रिसीट से और 147 करोड़ रुपये कल्याण मंडपम रिसीट से मिलने का अनुमान है। साथ ही ट्रस्ट रिसीट से 85 करोड़ रुपये, रेंट, इलेक्ट्रिक और अन्य रिसीट के रूप में 60 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं चढ़ावे के रूप में 1,611 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है।