क्या है 'कांदा एक्सप्रेस', जनता के नहीं निकलेंगे महंगे प्याज से आंसू, न ही बिगड़ेगा किचन का बजट

त्योहारी सीजन चल रहा है और इस बीच देश में प्याज की मांग काफी हाई हो गई है। नतीजे में प्याज 100 रु से अधिक पर बिक रहा है। कीमतों में इस बढ़ोतरी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 'कांदा एक्सप्रेस' चलाने का ऐलान लिया है। यहां हम आपको बताएंगे कि कांदा (प्याज) एक्सप्रेस क्या है और इसके क्या फायदा होंगे।

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कांदा एक्सप्रेस

कांदा एक्सप्रेस के जरिए देश के उन हिस्सों में प्याज पहुंचाई जाएगी जहां इसकी मांग ज्यादा है। कांदा एक्सप्रेस की पहली ट्रेन नासिक से दानापुर के लिए निकल चुकी है। दानापुर पटना के पास है।

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डिमांड बढ़ रही

5 सितंबर से सरकार 35 रु किलो के रेट पर प्याज बेच रही। मगर त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ रही है, जिससे भाव कंट्रोल से बाहर पहुंच रहा था। इसलिए सरकार ने बल्क ट्रांसपोर्टेशन का फैसला किया है।

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53 ट्रक के बराबर प्याज

इस ट्रेन के जरिए एक बार में 53 ट्रक के बराबर प्याज नासिक से भेजा जाएगा। 53 ट्रक के बराबर का मतलब है 1600 मीट्रिक टन प्याज।

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नासिक से दिल्ली-एनसीआर

1,600 मीट्रिक टन ही नासिक से दिल्ली-एनसीआर के लिए आ रही है। इसे कांदा फास्ट ट्रेन के जरिए ही भेजा जा रहा है। प्याज की ये खेप 20 अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर में पहुंच जाएगी। फिर इसे मंडियों में पहुंचाया जाएगा।

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ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक्री

इस बार सरकार ने जेप्टो जैसे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म और रिलायंल रिटेल और सफल जैसे रिटेल स्टोरों के जरिए भी सस्ता प्याज बेचने का प्लान बनाया है। वहीं केंद्रीय भंडारों और मोबाइल वैन के जरिए भी खुदरा बाजार में प्याज मिलेगा।