क्यों इतना महंगा होता है डायमंड, इन वजहों से बन जाता है बेशकीमती
हीरे अपनी दुर्लभता, मुश्किल और महंगी माइनिंग प्रोसेस, उन्हें काटने और चमकाने के लिए जरूरी एक्सपर्टाइज और कंपनियों-ब्रांड्स के मार्केटिंग खर्चों के कारण महंगे हो जाते हैं। ये सभी चीजें हीरे को एक लग्जरी प्रोडक्ट में कंवर्ट कर देती हैं।
डिमांड बहुत अधिक
हीरे की डिमांड बहुत अधिक होती है। मगर अकसर लोग इसे महंगी कीमत के कारण ही खरीद नहीं पाते हैं।
कीमत बढ़ जाती है
वैसे तो हीरे प्रकृति में मौजूद हैं, फिर भी जो हीरे डिमांड में रहते हैं उनका अपनी हाई क्वालिटी के कारण मिलना मुश्किल रहता है, जिससे उनकी कीमत बढ़ जाती है।
कुशल कारीगरों की आवश्यकता
हीरे की चमक बढ़ाने के लिए उन्हें काटने और पॉलिश करने के लिए कुशल कारीगरों की आवश्यकता होती है, जिन्हें भुगतान करना पड़ता है। इससे भी उनकी लागत बढ़ जाती है।
कैरेट वेट, रंग, क्लैरिटी और कटाई
हीरे का दाम उसके कैरेट वेट, रंग, क्लैरिटी और कटाई के आधार पर तय होता है। इन असाधारण खासियतों के कारण इसकी कीमत अधिक होती है।
हीरे की माइनिंग
हीरे की माइनिंग अक्सर गहरी जमीन में होती है और इसके लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, जिससे यह एक महंगी प्रोसेस बन जाती है। हीरा इंडस्ट्री ने हीरे को प्यार और लग्जरी के रूप में खूब प्रमोट किया है, जिससे इसकी हाई वैल्यू बनी हुई है।
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टी20 मुकाबला राजकोट में, जानिए किसका पलड़ा है भारी
इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में वापसी करेंगे मोहम्मद शमी!
AI के मुताबिक ये चार टीमें IPL 2025 के प्लेऑफ में जाएंगी
ये है पाकिस्तान की 7 सबसे खूबसूरत हसीनाएं, तीसरे वाली को बुलाते हैं दूसरी ऐश्वर्या राय
ऐश्वर्या राय पति अभिषेक बच्चन और बेटी को छोड़ अकेले पहुंची अस्पताल, कैमरे देखते ही छिपाने लगीं चेहरा
Maha Kumbh 2025: अद्भुत...16 दिन में 13 करोड़ आस्थावानों ने संगम में लगाई डुबकी, फिनलैंड से लेकर यूएई के दिग्गजों ने कमाया पुण्य
Mussoorie: बचपन की यादों में ले जाएगा हर एक कोना, पुरानी यादों का एहसास कराती हैं ये 3 जगहें
Pakistan Tanker Blast: पाकिस्तान में LPG टैंकर में ब्लास्ट में उड़ गए 20 घर, 6 की मौत, 31 घायल
School Bomb Threat: मुंबई के एक स्कूल को ई-मेल से मिली बम की धमकी, जांच में अफवाह निकली खबर
उत्तराखंड में UCC लागू, देश का पहला यूनिफॉर्म सिविल कोड वाला राज्य बनकर रचा इतिहास
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited