ताजनगरी से नवाबों की नगरी तक सफर हो गया चौकस, 9 जिले 236 गांवों की चांदी कर गया 302 KM लंबा Agra-Lucknow Expressway

Agra Lucknow Expressway: ताजनगरी से नवाबों की नगरी यानी राजधानी लखनऊ के बीच सफर आसान बनाने वाले 302 किमी. लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को 2016 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। इस हाईटेक मार्ग के किनारे अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय कृषि मंडी स्थापित कर कृषकों के लिए उन्नति के दरवाजे खोले जा रहे हैं। इन विशिष्ट मंडियों में कन्नौज और मैनपुरी के साथ कई अन्य जिलों के किसान अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे। आइये जानते हैं इस एक्सप्रेसवे की खासियतें क्या हैं?

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यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल

यूपी के लोगों का सफर आसान बनाने के लिए सड़कें और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। सड़कों के इंन्फ्रास्टक्चर के साथ उनके किनारे औद्योगिक शहरों (Industrial Cities) के बसाने की कवायत चल रही है। इनके आसपास रियल स्टेट को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्योग-धंधे यूपी की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार (Employment) का सृजन करेंगे, जिससे एक्सप्रेसवे के किनारे बसे गांवों और कस्बों के लोगों के लिए अवसर खुलेंगे।

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मंडियों को बसाने का प्लान

सरकार, यूपी के दूसरे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे मंडियों को बसाने का प्लान है। इन मंडियों के विकसित होने से कृषि क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। खासकर, किसानों को अपनी उपज, अनाज,साक-सब्जी और दुग्ध समेत अन्य नकदी फसलों की ब्रिक्री के लिए भटकना नहीं होगा। तो आज बात सिर्फ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे बसी मंडियों के बारे में, जिनसे इसके किनारे बसे लोगों को सहूलियत मिल रही है।

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण से ताजनगरी आगरा और राजधानी लखनऊ यानी नवाबों की नगरी के बीच दूरी कम हो गई है। पहले यात्रा पूरी करने में 6 घंटे से अधिक समय लगता था, लेकिन अब एवरेज स्पीड से साढ़े तीन घंटे में ये दूरी कवर हो जाती है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट होता। यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर इसका उद्घाटन समाजवादी पार्टी की सरकार में तात्कालीन सीएम अखिलेश यादव के हाथों हुआ था। यह एक्सप्रेसवे 236 गांव यानी फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, हरदोई और उन्नाव जिले से होते हुए लखनऊ में एनएच-40 पर समाप्त होता है।

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6 लड़ाकू जेट एक्सप्रेसवे पर उतरे

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यहां सुखोई SU-30MKI और डसॉल्ट मिराज 2000 सहित भारतीय वायुसेना के 6 लड़ाकू जेट हाईटेक एक्सप्रेसवे के भव्य उद्घाटन के मुख्य आकर्षण का केंद्र थे। निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA का दावा है कि भविष्य में आपात या युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए 3 किलोमीटर का रनवे भी बना है। UPEIDA ने इसके निर्माण के लिए लगभग 3127 किलोमीटर हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। खरीदी के दौरान किसानों को सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्रों में यही दोगुना करके भुगतान किया गया।

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9 फ्लाईओवर

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे विकास के अवसर तैयार किए गए, जिनमें कृषि, बाजार, शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, विश्राम केंद्र, आधुनिक पेट्रोल पंप, सर्विस स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से लैस किया गया। इस हाई स्पीट कॉरिडोर में 9 फ्लाईओवर, 74 अंडर पास, 148 पैदल यात्री अंडरपास, 4 रेल ओवर ब्रिज, 13 प्रमुख और 57 छोटे पुल बने हुए हैं। इसके आसपास इलेक्टॉनिक कॉल बॉक्स, स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, पीटीजेट सर्विलांस कैमरा और इंसीडेंट डिटेक्स सिस्टम से लैस एडवांस ट्रैफिक सिस्टम मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित हैं।

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1100 से अधिक कोल्ड स्टोरेज

पूरे एक्सप्रेसवे के किनारे सर्विस रोड हैं। जिनके किनारे कन्नौज और मैनपुरी में मंडी स्थापित की गई हैं। इन विशिष्ट मंडियों कन्नौज और मैनपुरी के साथ कई अन्य जिलों के किसान अपनी उपज की बिक्री कर सकते हैं। गौर करें तो इन दोनों जिलों के आसपास आलू समेत अन्य फसलों की अच्छी पैदावार होती है। लिहाजा, किसानों को फसल का उचित दाम मिल रहा है। आंकड़ा कहता है कि देश में आलू का 35 फीसदी उत्पादन यूपी में होता है और कन्नौज सूबे का मुख्य आलू उत्पादक जिला है। इन जिलों के आसपास 1100 से अधिक कोल्ड स्टोरेज हैं, जहां आलू का भंडारण होता है। आलू को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए पैंकिंग, ग्रेडिंग समेत तमाम इंडस्ट्रियल यूनिट्स की स्थापना की गई है।

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इतने जिलों का फायदा

फिलहाल, अखिलेश सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना को और गति देने के लिए योगी सरकार आसपास जमीन अधिग्रहण करने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे के रास्ते 9 जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित करने के लिए 1000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी। यूपीडा के मुताबिक, सबसे ज्यादा आगरा में 300 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगा। वहीं, फिरोजाबाद में 200, इटावा में 15, कन्नौज में 150, उन्नाव में 100 जबकि कानपुर देहात, औरैया, हरदोई और लखनऊ में 50-50 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के दोनों ओर भूमि पर भूमि बैंक बनाकर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्रों की कंपनियों को आमंत्रित करने की बात कही है।

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अनाज, फल-सब्जी का निर्माण

उधर, आगरा लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे मोहब्बतपुर गांव के समीप अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय कृषि मंडी बना रहा है। यह मंडी स्थानीय किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी। इस मंडी के विकसित होने से अनाज, फल-सब्जी, दूध और दूध से बने उत्पादों की खरीद-फरोख्त होगी। मंडी में वातानुकूलित मीटिंग हाल होगा और किसानों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण होगा। किसानों की उपज की बिक्री के लिए अलग से चबूतरे और दुकानें बनाई जाएंगी। मंडी के निर्माण से ताजा चीजें आगरा से लखनऊ दिल्ली समेत अन्य जगह आसानी से पहुंच सकेंगी।