AC ट्रेन पर मौज से सफर करेंगे झुमका नगरी के लोग, जल्द ही बरेली में दौड़ेगी Light Metro

Bareilly Metro: झुमका नगरी से फेसम बरेली शहर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। 6000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट से 22 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। फिलहाल राइट्स ने सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। आइये जानते हैं बरेली मेट्रो शहर के किस रूट से होकर गुजरेगी और यह कब तक बनकर तैयार होगी?

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यूपी में सबसे ज्यादा मेट्रो

यूपी देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक शहरों में मेट्रो ट्रेनें संचालित हैं। आने वाले समय में इनमें और बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में राज्य के नोएडा, लखनऊ, कानपुर और आगरा में संचालित हैं। आने वाले समय में गोरखपुर, आगरा, मेरठ, प्रयागराज के साथ बरेली के लोगों के लिए मेट्रो की सवारी करने का मौका मिलेगा। फिलहाल, राइट्स ने सर्वे के बाद साल 2031 की जनसंख्या के आधार पर 22 किलोमीटर कॉरिडोर को विकसित करने की सहमति मिल चुकी है। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट्स में लाइट मेट्रो और मेट्रो परियोजना वाले रूट के लिए मिट्टी का परीक्षण किया है।

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UPMRC बनाएगी मेट्रो कॉरिडोर

जून में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रस्तावित मेट्रो लाइन परियोजना को लेकर बैठक हुई थी। इसमें एएआर और डीपीआर तैयार करने के लिए संबंधित एजेंसी की ओर से कम्मप्रेहनसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) के डाटा के आधार पर दो कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि डीपीआर इत्यादि बनने के बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) प्रोजेक्ट निर्माण का कार्य शुरू कर सकती है।

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6000 करोड़ की बरेली मेट्रो

तय रूट मैप के मुताबिक, शहर को दो रूटों पर लाइट मेट्रो चलाई चलाई जाएगी। इसके पहले चरण में 12 और दूसरे चरण में 9 किमी. का लाइट मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा। प्रस्तावित लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 3000 करोड़ का बजट तय किया गया था। लेकिन, समय से परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लिहाजा, अब बजट बढ़कर 6,000 करोड़ पहुंच गया है। मेट्रो प्रोजेक्ट पर(वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट) और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार विमर्श किया जा चुका है।

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बरेली शहर जाम से होगा मुक्त

लाइट मेट्रो परियोजना की एएआर और डीपीआर तैयार करने के लिए नियुक्त कसल्टेंट एजेंसी मेसर्स राइट्स लिमिटेड ने कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) प्रस्तुत किया गया था। उधर, एजेंसी ने प्लान के मुताबिक, प्रोजेक्ट के पहले और दूसरे चरण के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर का खाका पेश किया गया था। इस पर सभी विभागों ने अपनी सहमति व्यक्त की थी। बीडीए उपाध्यक्ष मनीकंडन ए के मुताबिक, कमिश्नर की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष राइट्स की रिपोर्ट्स रखी जाएगी। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। बरेली की जनता को जल्द ही शहर में लगने वाले जाम के झाम से निजात मिलेगा।

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22 किमी. का होगा कॉरिडोर

बरेली लाइट मेट्रो के पहले चरण में 12 किमी का कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। यह कॉरिडोर रेलवे जंक्शन से चौकी चौराहा-सेटेलाइट बस अड्डा, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, फन सिटी, बैरियर टू तिराहा तक बनाया जाएगा। वहीं, दूसरे चरण का कॉरिडोर चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा, कुतुबखाना चौराहा, कोहाड़ापीर तिराहा, डेलापीर तिराहा, आईवीआरआई बैरियर टू तिराहा तक जाएगा। इस पूरे ट्रैक की लंबाई 9.5 किलोमीटर होगी। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस कॉरिडोर को चौकी चौराहे से रामपुर रोड पर सीबीगंज और उधर, बदायूं रोड पर साउथ सिटी तक विकसित करने का प्रस्ताव है।

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20 स्टेशन प्रस्तावित

इसके पहले चरण में एयरपोर्ट से पीलीभीत बाईपास, सेटेलाइट बस अड्डा होते हुए बरेली जंक्शन तक कॉरिडोर बनाने पर विचार किया गया था। इस रूट पर कुल 20 स्टेशन प्रस्तावित किए गए थे। उस समय प्लान शासन को भेजा गया था, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसमें कई तरह के अवरोध सामने आ रहे थे। अब दो साल बाद सभी रूट पर आने वाली बाधाओं के समाधान का प्लान बनने के बाद प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की कवायत शुरू हुई है। सर्वे के बाद डीपीआर बनाने पर जोर दिया जाएगा।

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भूमिगत-एलिवेटेड होंगे रूट

बरेली में रेड लाइन (Bareilly Red Line Metro) और ब्लू लाइन (Bareilly Blue Line Metro) प्रस्ताविक मेट्रो के निर्माण से शहर के बीच लगने वाले ट्रैफिक से निजात मिलेगा। इसमें भूमिगत और एलिवेटेड रूट बनाए जा सकते हैं। साथ ही सिटी बस के रूटों पर आने वाली समस्याएं खत्म होंगी और शहर में लगने वाले जाम के झाम से भी निजात मिलेगी। इसके अलावा मेट्रो के आसपास विभिन्न आउटलेट इत्यादि खुलने से लोगों को सहूलियत होगी।