Solar Expressway of India: बिजली बनाएगा भारत का इकलौता एक्सप्रेसवे, रोशनी से भर जाएंगे 1 लाख घर

Bundelkhand Solar Expressway: यूपी के 15 एक्सप्रेसवे में से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे जेनरेट होने वाली 550 मेगावॉट सोलर पॉवर करीब एक लाख घरों को बिजली मुहैया कराएगी। आइये जानते हैं इसका प्रोसेस क्या होगा और यह कहां से कहां तक विस्तारित है?

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यूपी का सोलर एक्सप्रेसवे

उत्तर प्रदेश में बन रहे ये हाईटेक एक्सप्रेसवे लोगों की यात्राएं आसान कर रहे हैं। फिलहाल राज्य में कुल 15 एक्सप्रेसवे हैं। इनमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सबसे नायाब सड़क मार्ग होने वाला है । उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीडा (UPEIDA) इसको बतौर सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित करने जा रहा है।

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भारत का पहला सोलर एक्सप्रेसवे ​

296 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे होगा। इस परियोजना के पूरा होने से लगभग एक लाख घरों को बिजली मिलेगी। इसके लिए व्यापक पैमाने पर जमीन अधिग्रहण के लिए चिह्नित कर ली गई है।

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​सोलर पॉवर डेवलपर्स ने दिया प्रेजेंटेशन​

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे यूपी के 7 जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। इसी को बतौर सोलर एक्सप्रेसवे बनाने का प्रस्ताव पास है। इसके लिए 8 सोलर पॉवर डेवलपर्स टास्को, टोरेंट पावर, सोमाया सोलर साल्यूशन, आर मैनेजमेंट, अवाड़ा एनर्जी, एरिया वृंदावन पावर, एरियाश मोबिलिटी और महाप्राइट ने प्रजेंटेशन दिया है।

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​550 मेगावॉट सोलर पॉवर होगा जेनरेट ​

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर मुख्य मार्ग और सर्विस लेन के बीच 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है। लिहाजा, इसी बेल्ट पर सोलर पैनल स्थापित कर 550 मेगावॉट सोलर पॉवर जेनरेट की जाएगी।

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​ 6 करोड़ रुपये का होगा लाभ​

परियोजना के पूरा होने से ग्रीन एनर्जी डेवलप होगी। इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनल प्लांट लगाने से सालाना ऊर्जा खपत पर 6 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा। लिहाजा, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए सबसे उपयुक्त है।

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​बुंदेलखंड सोलर प्लांट के लिए उपयुक्त​

बुंदेलखंड में भूमि आसानी से उपलब्ध है। इसके अलावा यहां मौसम अधिकतर साफ और शुष्क रहता है। इसके अतिरिक्त यहां प्रतिवर्ष लगभग 800 से 900 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की जाती है। लिहाजा, सोलर एनर्जी के लिए यह क्षेत्र बेहद उपयुक्त है।

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​296 किमी फोरलेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ​

296 किमी फोरलेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण पर यूपीडा ने करीब 14850 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसे भविष्य में 6 लेन तक विकसित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे इधर चित्रकूट जिले के भरतकूप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव तक फैला है,जहां आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में मिलता है। इसके आसपास औद्योगिक सिटी बसाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है।

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​बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे किनारे बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर​

यूपीडा ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे दो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित करने के लिए बड़ा बजट प्लान किया है। इसमें पहला कॉरिडोर जालौन और दूसरा बांदा में विकसित होगा। यूपी सरकार ने इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की लोकेशन सिकरीगंज से राम जानकी मार्ग पर धुरियापार के पास तय होनी हैं। ये कॉरिडोर बुंदेलखंड में पहले से बन रहे डिफेंस कॉरिडोर से अलग होंगे।