Photos: जम्मू-कश्मीर में हाड़ कंपाने वाली ठंड, श्रीनगर में -8.5 डिग्री पहुंचा पारा, जलाशयों में जमी बर्फ
दिल्ली-एनसीआर से लेकर पूरे उत्तर भारत में जोरदार ठंड पड़ रही है। पहाड़ों में बर्फबारी भी देखने को मिल रही है। साथ ही न्यूनतम तापमान भी जीरो से नीचे लुढ़क आया है। कश्मीर में आज से चिल्लई कलां की शुरुआत भी हो गई है। इस 40 दिन की अवधि में कश्मीर में कड़कड़ाती ठंड पड़ती है। वहीं श्रीनगर में 133 सालों बाद दिसंबर का तीसरा सबसे कम तापमान दर्ज हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। साथ ही शीतलहर का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है और बर्फबारी भी खूब हो रही है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है। आज से चिल्लई कलां का दौर भी शुरू हो गया है। इस दौरान 40 दिन कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है।
133 साल बाद तीसरा सबसे कम तापमान
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। साथ ही तापमान भी काफी कम हो गया है। जिसके चलते कई जलाशय और डल झील के कुछ हिस्से भी जम गए हैं। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 8.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यह पिछले 133 सालों में दिसंबर का शहर का अब तक का तीसरा सबसे कम तापमान है।
1934 में सबसे नीचे लुढ़का पारा
श्रीनगर में 13 दिसंबर 1934 को अब तक का सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। तब शहर का न्यूनतम तापमान शून्य से 12.8 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया था। साल 1974 में यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से 10.3 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ था। श्रीनगर में साल 1891 के बाद शुक्रवार को तीसरी सबसे ठंडी रात दर्ज की गई।
तीन जिलों का तापमान -10 डिग्री से नीचे
कश्मीर के तीन जिलों में न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री नीचे पहुंच गया है। इनमें अनंतनाग का न्यूनतम तापमान -10.5 डिग्री, शोपियां का -10.4 डिग्री और पुलवामा का -10.3 डिग्री दर्ज किया गया। इसके असवाा पहलगाम और गुलमर्ग में भी तापमान शून्य से नीच रिकॉर्ड हुआ है। कड़कड़ाती ठंड के चलते कई इलाकों में जलाशयों के साथ ही पानी की लाइनें भी जम गई हैं।
अभी और गिरेगा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार 21 और 22 दिसंबर की रात घाट के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। 26 दिसंबर तक प्रदेशमें मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 27 दिसंबर की रात से 28 दिसंबर की सुबह तक ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी के भी आसार हैं। जिससे घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
क्या होता है चिल्लई कलां
चिल्लई कलां एक फारसी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है बड़ी सर्दी। चिल्लई कलां 40 दिनों की अवधि होती है। इस दौरान कश्मीर में सबसे कड़ी सर्दी पड़ती है। चिल्लई कलां हर साल 21 दिसंबर से शुरू होती है और 29 जनवरी तक जारी रहती है। चिल्लई कलां के बाद चिल्लई खुर्द (छोटी सर्दी) होती है, जोकि 20 दिन लंबी होती है। जिसके बाद 10 दिन तक चिल्लई बच्चा (बेबी कोल्ड) की अवधि होती है।
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