दुनिया में रिकॉर्ड किए गए अब तक के 5 सबसे शक्तिशाली भूकंप, जानें कितना हुआ नुकसान
भूकंप हमेशा ही डरावना होता है। बिक किसी को पता चले अचानक धरती कांपने लगती है और देखते ही देखते सब कुछ जमींदोज होने लगता है। अगर भूकंप 9 रिक्टर स्केल का हो तो फिर कुछ भी बचने की उम्मीद ना के बराबर होती है। चलिए जानते हैं आज तक रिकॉर्ड किए गए दुनिया के पांच सबसे बड़े भूकंप के बारे में जो 9 रिक्टर स्केल से ज्यादा के थे।

द वालडीविया भूकंप
22 मई 960 को दक्षिणी अमेरिकी देश चिली में आए इस 9.5 तीव्रता के भूकंप को द ग्रेट चिलियन अर्थक्वैक भी कहा जाता है। यह अब तक रिकॉर्ड किया गया सबसे भीषण भूकंप था। चिली के के बायो-बायो क्षेत्र में यह भूकंप आया था, जिससे 10 मिनट तक धरती कांपती रही। इससे प्रशांत महासागर में सुनामी की कई लहरें पैदा हुईं, जो हवाई, जापान और फिलिपीन्स तक पहुंचीं। इस भूकंप और सुनामी में 1600 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 20 लाख लोग बेघर हो गए थे। इस भूकंप के कारण चिली में एक भूकंप भी सक्रिय हो गया, जिससे बाद में और नुकसान हुआ।

द ग्रेट अलास्का अर्थक्वैक
27 मार्च 1964 को गुड फ्राइडे के दिन आया यह भूकंप 9.2 तीव्रता का था और यह दक्षिणी अलास्का क्षेत्र में आया था। कई जगहों पर जमीन धंस गई और बिल्डिंगें गिर गईं। प्रशांत महासागर में उठी सुनामी की हरों ने अलास्का से कैलिफोर्नियां तक तबाही मचा दी थी। जहां भूकंप आया, वहां काफी कम जनसंख्या रहती थी, इसलिए मौत का आंकड़ा 131 तक ही सीमित रहा। लेकिन सुनामी ने काफी नुकसान किया।

सुमात्रा-अंडमान भूकंप
बात 26 दिसंबर 2004 की है, जब सुमात्रा और अंडमान क्षेत्र में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया। यह इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला भूकंप था। भूकंप उत्तरी सुमात्रा के पश्चिमी तट पर आया, जिससे सुनामी कई फीट ऊंची लहरें उठीं और इससे इंडोनेशिया, भारत, थाईलैंड और श्रीलंका सहित दर्जनों देश प्रभावित हुए। सुनामी के चलते 2 लाख, 30 हजार से ज्यादा लोग मारे एक। तमाम बिल्डिंगें जमींदोज हो गई।

टोहोकू भूकंप
11 मार्च 2011 को जापान में पूर्वी होंशू तट के पास आए 9.1 तीव्रता के भूकंप को द 2011 टोहोकू अर्थक्वैक के नाम से जाना जाता है। इस भूकंप में 6 मिनट तक धरती में कंपन होता रहा। इस भूकंप ने एक भयंकर सुनामी को जन्म दिया, जिसने जापान के उत्तर-पूर्वी तट को तबाह कर दिया। इसमें 18000 लोगों की जान चली गई और इसके कारण फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को भारी नुकसान पहुंचा। सुनामी की लहरें हवाई, फ्रेंच पोलिनेशिया और दक्षिण अमेरिका के तट तक पहुंचीं।

कमचटका भूकंप
यह भूकंप 4 नवंबर 1952 को रूस के कमचटका प्रायद्वीपीय इलाके में आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9 थी। यह भीषण भूकंप मानव बस्ती से दूर आया था, इसलिए इससे नुकसान भी कम हुआ। फिर भी इस भूकंप में 10 से 15 हजार लोग मारे गए थे। भूकंप से उठी सुनामी की लहरें हवाई तक पहुंचीं और यहां भारी नुकसान पहुंचाया। रूस के सेवेरो-कुरिल्स्क शहर को इससे भारी नुकसान पहुंचा। यहां 50 से 60 फीट ऊंची लहरों की वजह से शहर में रहने वाले 6 हजार लोगों में से लगभग 2 हजार लोगों की मौत हो गई थी।

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