बिना इंजन के पटरियों पर गर्दा उड़ाती है भारत की इकलौती ट्रेन, राजधानी-शताब्दी भरती हैं पानी!

India First Engineless Train: राजधानी-शताब्दी, मेट्रो समेत अन्य हाईस्पीड ट्रेनों की सफलता के बाद बाद भारत में एक ऐसी भी ट्रेन है, जो बिना इंजन के पटरियों पर दौड़ रही है। स्पीड के मुफीद मानी जा रही ये ट्रेन हर राज्य की पहली डिमांड बनी हुई है। तो चलिए जानते हैं इस ट्रेन का नाम क्या है और इसकी वास्तविक स्पीड क्या है?

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राजधानी-शताब्दी भी फेल

भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए कई हाईस्पीड ट्रेनों की संख्या में इजाफा कर रहा है। राजधानी-शताब्दी जैसी रफ्तार की बादशाह गाड़ियों के बाद आज वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें लोगों का सफर आसान बना रही हैं। ये सभी ट्रेनें कम समय में यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं। आपने इन सभी गाड़ियों में इंजन भी देखे होंगे, लेकिन आज हम एक ऐसी ट्रेन के बारे में बात करने जा रहे जो बिन इंजन के पटरियों पर फर्राटा भर रही है।

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2019 में लॉन्च हुई इंजनलेस ट्रेन

इसको साल 2019 में पटरियों पर उतारा गया था। रफ्तार के मामले में यह ट्रेन राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों को मात दे रही है। इंजन रहित ट्रेन की ट्रायल रन के दौरान स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास थी, लेकिन पटरियों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है।

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ट्रेन 18 (Train 18)

चलो आपका कन्फ्यूजन दूर करते हुए आपको इसका नाम भी बता देते हैं। इस इंजनलेस ट्रेन का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) या ट्रेन 18 (Train 18) है। यह हाईस्पीड ट्रेन यात्रियों की पहली पसंद बनती जा रही है। अगर, आपने भी कभी इस ट्रेन पर सफर किया है तो देखा ही होगा की इसमें एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह कोच से अलग इंजन नहीं होता। यह मेट्रो ट्रेनों की तरह एंट्रीग्रेटेट यानी एकीकृत इंजन से लैस होती जो बोगियों के साथ ही लगा रहता है। फिर भी स्पीड के मामले में इसका कोई जोड़ नहीं।

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ऑटोमेटिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Train)

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह ऑटोमेटिक है। चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) की ओर से निर्मित ट्रेन 18 को स्पीड के मामले में राजधानी और शताब्दी ट्रेनों को टक्कर दे रही है। फिलहाल, स्पीड के मामले में यह नंबर वन है। इसकी वास्तविक स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे है, लेकिन देश की सबसे तेज वाराणसी-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस की औसत स्पीड करीब 96 किलोमीटर प्रति घंटे है।

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बोगियों में फिट रहता है इंजन

वाराणसी-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 भारत की पहली इंजनलेस ट्रेन थी, जिसे साल 2019 में लॉन्च किया गया था। यह ट्रेन भारतीय इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट चेयर कार ट्रेनसेन, जिसे भारतीय रेलवे ने डिजाइन और विकसित किया है। दावा है कि इंजन नहीं के कारण ही इस ट्रेन की रफ्तार अधिक होती है। इंजनलेस इलेक्ट्रिक ट्रेन को संचालित करने के लिए पूरा सिस्टम बोगियों में फिट रहता है। हालांकि, जरूरत के लिए दो लोकोमोटिव पायलट ट्रेन में हमेशा तैनात रहते हैं।

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स्वचलित मेट्रो की तरह है वंदे भारत

अगस्त तक के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 61 जोड़ी वंदे भारत ट्रेनें देश के विभिन्न रूटों पर यात्रियों का सफर आसान कर रही हैं, जिनमें 16 डिब्बे औ 8 डिब्बे वाली ट्रेनें हाईस्पीड और सेमी हाईस्पीड ट्रेनें शामिल हैं। ट्रेन में सुविधाओं की बात करें तो इसमें स्वचलित मेट्रो की तरह दरवाजे खुलते और बंद होते हैं। इसमें रिक्लाइनिंग एर्गोनोमिक सीटें और आरामदायक बैठने की व्यवस्था है, एसी चेयरकार और एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली कुर्सियां शामिल हैं। सीटें इधर से उधर घूमने की वजह से शानदार यात्रा का अनुभव प्राप्त होता।

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वंदे भारत का किराया

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के किराये की बात करें तो हर रूट पर दूरी के हिसाब से अगल-अलग किराया निर्धारित है। एसी चेयरकार और एग्जीक्यूटिव क्लास के किराये में काफी अंतर है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली वंदे भारत के एसी चेयरकार का किराया करीब 1800 रुपये हैं। वहीं एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 3270 है, जिसमें 370 रुपये फूड का शामिल है।