कब चली थी भारत में पहली सुपरफास्ट ट्रेन, इन शहरों के बीच भरी थी फर्राटा

भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस थी। यह देश की पहली एसी ट्रेन भी थी। इसे दिल्ली से कोलकाता के बीच चलाया गया था। आइए जानते हैं कि इसकी स्पीड क्या थी और इसमें क्या-क्या सुविधाएं थी।

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​भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन

भारत में पहली बार ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में चली थी। इस दिन देश की पहली पैसेंजर ट्रेन बोरीबंदर से ठाणे के बीच चली थी। आज भारतीय रेल विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन कब चली थी?

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​दिल्ली से कोलकाता के बीच चली ट्रेन​

भारत की पहली सबसे तेज स्पीड वाली ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस शुरू की गई थी। यह ट्रेन सबसे पहले नई दिल्ली से कोलकाता के बीच चली थी। इस ट्रेन को पहली बार 1 मार्च 1969 में चलाया गया था।

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​सबसे तेज चलने वाली ट्रेन थी​

पहली राजधानी एक्सप्रेस ने 17 घंटे 20 मिनट के रिकॉर्ड समय में नई दिल्ली से कोलकाता का सफर पूरा किया था। इस ट्रेन ने 1450 किमी की दूरी तय की ती। उस समय यह सबसे तेज चलने वाली और आलीशान लक्जरी ट्रेन थी।

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​ट्रेन की अधिकतम स्पीड​

राजधानी एक्सप्रेस की उस समय में अधिकतम स्पीड 140 किमी प्रति घंटा थी। लेकिन यह 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती थी। उस समय आम ट्रेनों की अधिकतम गति 70 किमी प्रति घंटा थी। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड बाद में बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटा कर दिया गया। जिससे यात्रा का समय 7 घंटे 20 मिनट कम हो गया था।

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​हफ्ते में दो दिन चलती थी ट्रेन​

पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन अपने शुरुआती महीनों में सप्ताह में दो बार चलती थी। जिसे बाद में पांच दिन कर दिया गया था। उस दौर में यह ट्रेन डीजल इंजन से चलाई गई थी। जिसका उद्देश्य इसे भारत की सबसे तेज ट्रेन बनाना था। इसके लिए ट्रेन के बहुत से स्टॉपेज कम किए गए थे।

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​देश की पहली AC ट्रेन​

यह ट्रेन देश की पहली पूरी तरह वातानुकूलित ट्रेन भी थी। राजधानी एक्सप्रेस में शुरुआत में दो पॉवर कार, 5 एसी चेयर कार, एक फर्स्ट एसी कार और एक एसी डायनिंग कार के कोच लगे हुए थे।

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​क्यों चलाई गई थी राजधानी एक्सप्रेस​

राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने का मकसद देश के अहम हिस्सों को दिल्ली से जोड़ना था। इसी वजह से इस ट्रेन का नाम राजधानी एक्सप्रेस रखा गया। कोलकाता के बाद मुंबई से दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई थी। तब से इनकी संख्या बढ़ती ही गई है। देश में आज 24 जोड़ी राजधानी ट्रेनें चलती हैं।