प्रयागराज में भगवान विष्णु के 12 रूप, ब्रह्मा ने की थी मंदिरों की स्थापना

प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महा कुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। आप भी इस दौरान संगम पर डुबकी लगाने जा रहे हैं तो आपको प्रयागराज में द्वादश माधव के भी दर्शन करने चाहिए। मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने स्वयं यहां पर इस द्वादश माधव की स्थापना की थी। मान्यता है कि कल्पवास और संगम में स्नान का पुण्य तभी मिलता है, जब इन 12 माधव मंदिरों में दर्शन होते हैं। चलिए जानते हैं सभी के बारे में -

श्री चक्र माधव
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श्री चक्र माधव

अरैल घाट पर सोमेश्वर मंदिर के पास ही श्री चक्र माधव मंदिर भी है।

श्री वेणी माधव
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श्री वेणी माधव

प्रयागराज के नगर देवता श्री वेणी माधव का मंदिर दारागंज में त्रिवेणी तट पर है।

श्री पद्म माधव
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श्री पद्म माधव

यमुना पार वीकर देवरिया गांव में श्री पद्म माधव का मंदिर है।

श्रीगदा माधव
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श्रीगदा माधव

यमुना पार छिवकी रेलवे स्टेशन के पास छिवकी गांव में श्रीगदा माधव मंदिर है।

श्री आदि माधव
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श्री आदि माधव

श्री आदि माधव त्रिवेणी संगम के मध्य में जल रूप में विराजमान हैं।

श्री बिंदु माधव
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श्री बिंदु माधव

संगम नगरी के द्रौपदी घाट पर श्री बिंदु माधव मंदिर है।

अक्षयवट माधव
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अक्षयवट माधव

अक्षयवट माधव प्रयाग में गंगा-यमुना के मध्य में विराजमान हैं।

अनंत माधव और श्री असी माधव
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अनंत माधव और श्री असी माधव

शहर के दारागंज इलाके में अनंत माधव मंदिर है। श्री असी माधव मंदिर यहां के नाग वासुकी मंदिर के पास ही है।

श्री संकष्ट हर माधव और श्री शंख माधव
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श्री संकष्ट हर माधव और श्री शंख माधव

झूसी में गंगा के दूसरी तट पर वटवृक्ष में श्री संकष्ट हर माधव का वास है। झूसी के ही छतनाग मुंशी बगीचे में श्री शंख माधव मंदिर है।

श्री मनोहर माधव
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श्री मनोहर माधव

श्री मनोहर माधव मंदिर यहां के जॉनसनगंज में है।

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