इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए भारत के ये शहर, 4 का तो आपने नाम भी नहीं सुना होगा
भारत की संस्कृति बहुत पुरानी है। यहां वाराणसी जैसे कई नगर हैं, जिनका इतिहास धरती की सबसे पुरानी सभ्यताओं के रूप में है। कई पुराने शहर तो इतिहास में कहीं खो गए। द्वारका जैसे कुछ नगर तो समुद्र में समा गए। चलिए आज जानते हैं देश के वो शहर को इतिहास में दो दर्ज हैं, लेकिन आज मौजूद नहीं हैं। चार का तो आपने नाम भी नहीं सुना होगा।
विजयनगर, कर्नाटक
कर्नाटक में तुंगभद्रा नदी के किनारे हंपी के खंडहर यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में हैं। दक्षिण भारत पर राज करने वाले विजयनगर एम्पायर का यह एक प्रमुख नगर था।
ढोलावीरा, गुजरात
सिंधु घाटी सभ्यता का यह एक प्रमुख शहर है और भारत में सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है। स्थानीय लोग इसे कोटड़ा टिम्बा प्राचीन महानगर ढोलावीरा कहते हैं। इस प्राचीन नगर की खोज 1967-68 में हुई थी और 1990 से यहां खुदाई का काम चल रहा है।
पूंपुहार, तमिलनाडु
यह भारत का पुरातन बंदरगाह शहर था, जो कावेरी नदी के किनारे था। इस नगर को कावेरीपट्टिनम के नाम से भी पुकारा जाता था। यह नगर तमिलक्कम के चोला राज की राजधानी भी था। पुरातत्वविदों के अनुसार सन 500 में बड़े समुद्री तूफान में यह शहर तबाह हो गया था।
म्यूजिरिस, केरल
यह शहर पेरियार नदी के किनारे बसा था। पुरातत्वविदों को यहां से इजिप्ट, यमन, रोमन और पश्चिमी एशिया के कई देशों की कलाकृतियां मिली हैं, जो बताती हैं कि इस नगर का बाहरी दुनिया से भी संपर्क था।
लोथल, गुजरात
लोथल भी सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख नगर था, जिसे 1954 में खोजा गया। खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को पता चला कि यह नगर बाढ़ में तबाह हो गया था। हालांकि, टूटी दीवारें, चबूतरे, कुएं, नालियां, बाथरूम आदि यहां पर स्पष्ट देखे जा सकते हैं।
कालीबंगन, राजस्थान
यह नगर आज के राजस्थान में हनुमानगढ़ के पास बसा था। पुरातत्वविदों के अनुसार यह नगर सिंधु घाटी सभ्यता की प्रांतीय राजधानी थी। इस शहर में अनोखी अग्नि वेदियां और दुनिया के सबसे पुराने हल से जोते गए खेत हैं।
सुरकोटडा, गुजरात
यह नगर गुजरात में कच्छ के पास था। पुरातत्वविदों को यहां घोड़ों के अवशेष और लाल लैटराइट मिट्टी से ढके टीले मिले हैं। इसे साल 1964में खोजा गया था।
द्वारका, गुजरात
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका देश के सबसे पवित्र नगरों में से एक है। माना जाता है कि यह शहर 6 बार समुद्र में समा चुका है। द्वारका के समुद्र की ओर खुदाई में जलमग्न बस्तियां और कई स्ट्रक्चर मिले हैं।
पट्टाडकल, कर्नाटक
यह नगर मालाप्रभा नदी के तट पर स्थित है और यह भारत में मौजूद विश्व धरोहरों में से एक है। यहां का विरुपक्ष मंदिर लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसे 745 में रानी लोकमहादेवी (त्रिलोक्यमहादेवी) ने कांची के पल्लव राजाओं के खिलाफ अपने पति विक्रमादित्य-2 की जीत को यादगार बनाने के लिए बनाया था।
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