​Upcoming Expressway in 2025: सीट पर बैठेंगे तो नाप देंगे पूरा इंडिया, न्यू ईयर में सफर की क्रांति लाएंगे ये हाईटेक एक्सप्रेसवे; रफ्तार के लिए रहें तैयार​

Upcoming Expressway in 2025: देश में निर्माणाधीन व आंशिक रूप से यातायात के लिए खोले गए एक्सप्रेसवे साल 2025 में सफर को नई दिशा देने वाले हैं। इनमें से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे-गंगा एक्सप्रेसवे भी शामिल हैं, जो पूर्ण रूप से यातायात के लिए खोले जाएंगे। हम आपको उन हाईटेक मार्गों के बारे में बताने जा रहे हैं जो नए साल सफर में क्रांति लाएंगे। आइये जानते ये मार्ग कहां से शुरू होकर कहां तक जाएंगे?

भारतमाला परियोजना
01 / 10

भारतमाला परियोजना

भारतमाला परियोजना (Bharat Mala Project) के तहत सभी देशभर में सड़कों का जाल फैलाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत पांच लाख करोड़ की लागत से देश के 550 जिलों में सड़कों का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इनमें एक्सप्रेसवे और हाईवे शामिल हैं। सरकार के नए प्रोजेक्ट में बनने वाले सभी एक्सप्रेसवे के पास CCTV, स्पीड मापने की व्यवस्था, पुलिस, एंबुलेंस समेत कई आधुनिक और जरूरी व्यवस्थाएं करने का प्लान है। हालांकि, भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होने का गौरव प्राप्त होने वाला है। आज हम आपको साल 2025 में खुलने वाले एक्सप्रेसवे के बारे में बताएंगे।और पढ़ें

गंगा एक्सप्रेसवे Ganga Expressway
02 / 10

गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)

गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज महाकुंभ 2025 से पहले यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। इसके निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। इसके अलावा बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में कहीं एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल लिया जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से खत्म करने की बात इसलिए भी चल रही है क्योंकि इसके रास्ते तीर्थ यात्रियों के लिए कुंभ पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। और पढ़ें

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे Delhi-Dehradun Expressway
03 / 10

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway)

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से पहाड़ों के बीच सफर करना अलग ही अनुभव होगा। ऊंची-ऊंची चट्टानों और हरियाली से भरे जंगल के बीच से गुजरना यात्रा को सुखद बनाएगा है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) के खुलने का लोगों का लंबे समय से इंतजार था। खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को, क्योंकि इससे न सिर्फ वह मात्र ढाई घंटे में देहरादून की वादियों में पहुंच जाएंगे। बल्कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जाम के झाम से भी मुक्ति मिल जाएगी। आखिरकार दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के खुलने की डेट सामने आ ही गई है। तो फिर देर किस बात की, इस एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरने के लिए तैयार हो जाएं। फिलहाल, इसका उद्घाटन हो चुका है, लेकिन 2025 से इसमें पूरी तरीके से ट्रैफिक दौड़ता नजर आएगा।और पढ़ें

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे Delhi-Amritsar-Katra Expressway
04 / 10

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Amritsar-Katra Expressway)

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की लंबाई 650 किलोमीटर है। यह दिल्ली के बहाहुरगढ़ से शुरू होकर जम्मू कश्मीर में कटरा तक प्रस्तावित है। यह नोकदार, अमृतसर और गुरदासपुर को भी कवर करेगा। इस एक्सप्रेसवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस, अग्निशमन की व्यवस्था, मनोरंजक सविधाएं, ट्रैफिक पुलिस, बस बे, ट्रक स्टॉप और रेस्तरां जैसी उच्च कोटि की सुविधाएं मिलेंगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 40,000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। इसे साल 2025 में खोलने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। फिलहाल, दिल्ली से कटरा तक 727 किलोमीटर की दूरी है, जो घटकर 650 के करीब पहुंच जाएगी।और पढ़ें

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे Amas-Darbhanga Expressway
05 / 10

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (Amas-Darbhanga Expressway)

बिहार में आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे 189 किलोमीटर लंबा होगा। यह 8 जिलों और उन्नीस शहरों को जोड़ेगा। इससे यात्रा का समय चार घंटे कम होगा। एक्सप्रेसवे 2025 तक बनकर तैयार होगा। ये एक्सप्रेसवे राज्य के औरंगाबाद से दरभंगा से होते हुए गया तक जाएगा। दरभंगा से गया तक फोर लेन होगा। इसके निर्माण से राज्य के संबंधित जिलों के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 189 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद के अमास से शुरू होगा। वहीं, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर समेत सात जिलों को पार करते हुए दरभंगा तक जाएगा। हाइवे का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से किया जाएगा। यह परियोजना 4 फेज में पूरी होगी। इसके निर्माण से दोनों जिलों के बीच की दूरी करीब 4 घंटे कम होने के साथ अमस और दरभंगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से कृषि उपज, कच्चे माल और औद्योगिक सामानों की तेज आवाजाही में सुविधा होगी।और पढ़ें

अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे Ahmedabad-Dholera Expressway
06 / 10

अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera Expressway)

अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे की घोषणा साल 2010 में की गई थी, लेकिन कई कारणों के चलते इसे 2019 में हरी झंडी मिली। यह चार लेन एक्सप्रसेवे सरखेज में सरदार पटेल रिंग रोड से नवगाम में धोलेरा इंटरनेशनल हवाई अड्डे के मध्य बना है। 109 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का कार्य लगभग पूरा हो गया है। इसे भी साल 2025 के शुरुआती दिनों में ही खोलने का प्लान है। । यह एक फोर-लेन एक्सप्रेसवे है, जिसे ज़रूरत पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। और पढ़ें

इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे Indore-Hyderabad Expressway
07 / 10

इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे (Indore-Hyderabad Expressway)

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से हैदराबाद को कनेक्ट करने वाले 768 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के प्रोजेक्ट का काम साल 2025 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बनने से इंदौर से हैदराबाद के बीच 150 किमी. दूरी कम हो जाएगी। इसके बनने से इच्छापुर, मुक्ताईनगर, जलगांव और अकोला जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस एक्सप्रेसवे से बुरहानपुर, जलगांव और नांदेड़ शहर इंदौर से सीधे कनेक्ट होंगे। इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस वे के निर्माण में 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। और पढ़ें

चेन्नई-सलेम एक्सप्रेसवे ChennaiSalem Expressway
08 / 10

चेन्नई-सलेम एक्सप्रेसवे (Chennai–Salem Expressway)

चेन्नई-सलेम एक्सप्रेसवे की लंबाई 274 किलोमीटर है। यह चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवन्नामलाई, कृष्णागिरि और धर्मपुरी समेत तमिलनाडु और सलेम को आपस में कनेक्ट करेगा। यह भी भारतमाला परियोजना का हिस्सा है। इसे एनएचएआई निर्मित किया जा रहा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 10,000 करोड़ रुपये है। इस कॉरिडोर के निर्माण से चेन्नई और सलेम के बीच यात्रा का समय 5-6 घंटे से घटकर 2.5 से 3 घंटे पहुंचने की उम्मीद है। इसे भी साल 2025 में खोले जाने का लक्ष्य है।और पढ़ें

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे Surat-Chennai Expressway
09 / 10

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Surat-Chennai Expressway)

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे गुजरात से शुरू होकर महाराष्ट्र में प्रवेश करेगा, फिर कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश होते हुए तमिलनाडु में जाकर खत्म हो जाएगा। सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत को भारत में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से कनेक्ट करेगा। एक्सप्रेसवे 1,271 किमी (790 मील) लंबा है और इसमें 4/6 लेन बनाई जा रही हैं। यह मार्ग तिरुपति, कुडप्पा, कुरनूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगा। चेन्नई सूरत एक्सप्रेसवे दो अलग-अलग प्रकार की ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजना है। नासिक से गुजरने वाला सूरत और अहमदनगर के बीच का खंड तथा अक्कलकोट से कुरनूल तक का खंड, जो महाराष्ट्र को कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से जोड़ता है, एक्सप्रेसवे का ग्रीनफील्ड हिस्सा होगा। इसे भी साल 2025 में बनाकर वाहनों के लिए खोले जाने का लक्ष्य है।और पढ़ें

रायपुर हैदराबाद एक्सप्रेसवे Raipur Hyderabad Expressway
10 / 10

रायपुर हैदराबाद एक्सप्रेसवे (Raipur Hyderabad Expressway)

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद तक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 568 किमी है। यह रायपुर-हैदराबाद आर्थिक गलियारा के नाम से भी जाना जाएगा। इसके खुलने से दोनों शहरों की दूरी घटकर महज चार घंटे की रह जाएगी। फिलहाल, यह चार से छह लेन में तैयार हो रहा है। यह एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना को आपस में जोड़ने का काम करेगा। इसकी अनुमानित लागत 3,178 करोड़ रुपये है। हालांकि, इसका निर्माण कार्य पूरा होने की डेडलाइन अगस्त 2025 है। लेकिन यदि निर्माण कार्य में किसी तरह की व्यवधान उत्तपन्न होता है तो कार्य समाप्ति की तिथि आगे भी बढ़ सकती है। और पढ़ें

End of Photo Gallery
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited