आज किन नामों से जाने जाते हैं महाभारत काल के शहर, देखें बदली सूरत की तस्वीरें

महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। कहा जाता है कि इस युद्ध को द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए लड़ा गया था। महाभारत, भारत के दो महाकाव्यों में से एक है। महाभारत से जुड़ी हुए कई स्थान वर्तमान में भी हमारे देश में मौजूद हैं। जिन्हें आप आज भी देख सकते हैं। हालांकि इन जगहों के रूप और नाम में बदलाव आ गया है।

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कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र में 18 दिनों तक महाभारत युद्ध चला था। यह जगह अंबाला शहर में स्थित है। शास्त्रों के अनुसार एक बार ब्रह्मा ने यहां पर अनुष्ठान किया था। कुरुक्षेत्र में आज भी ब्रह्म सरोवर नाम का एक तालाब है। जहां पर श्रद्धालु सूर्य ग्रहण के दौरान पवित्र स्नान करते हैं।

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हस्तिनापुर

महाभारत काल में हस्तिनापुर कुरु वंश की राजधानी हुआ करता था। यह जगह हर तरह के गौरवशाली दिनों की साक्षी रही है। आज भी ये जगह भारत में मौजूद है। हस्तिनापुर, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पड़ती है। मेरठ से करीब 34 किमी की दूरी पर हस्तिनापुर है।

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इंद्रप्रस्थ

महाभारतकाल में पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ थी। पांडवों को यमुना किनारे खांडवप्रस्थ का क्षेत्र दिया गया था। यहां पहले जंगल हुआ करते थे। इस जगह पर इंद्र देव के सहयोग से पांडवों ने इंद्रप्रस्थ नगर बसाया था। महाभारत काल का इंद्रप्रस्थ आज दिल्ली में स्थित है। माना जाता है कि दिल्ली के पुराने किले की जगह पर ही पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ रही होगी।

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पांचाल

महाभारत काल में द्रौपदी के पिता द्रुपद पांचाल के राजा थे। माना जाता है कि आज यह जगह उत्तर प्रदेश में है। महाभारत काल का पांचाल वर्तमान के बदायूं, बरेली और फर्रुखाबाद जिले को मिलाकर बना था। वर्तमान में पश्चिमी यूपी के इन शहरों में के बीच रुहेलखंड क्षेत्र मौजूद है। माना जाता है कि इसी जगह पर राजा द्रुपद का महल और पांचाल की राजधानी हुआ करती थी।

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विराट नगर

पांडवों ने एक साल का अज्ञातवास बिताने के लिए विराट नगर को चुना था। अज्ञातवास में पांडवों को अपनी पहचान छिपाकर किसी जगह पर रहना था। विराट नगर अरावली की पहाड़ियों के मध्य में बसा था। वर्तमान में विराट नगर राजस्थान में पड़ता है। माना जाता है कि जयपुर और आसपास बसे शहर उस समय का विराट नगर है।

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वृंदावन और बरसाना

मथुरा से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित वृंदावन महाभारत काल में भी इसी नाम से जाना जाता था। वृंदावन में ही भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के ज्यादातर दिन बिताए थे। मथुरा में स्थित बरसाना का जिक्र भी महाभारत में देखने को मिलता है। बरसाने में ही राधा के पिता का निवास स्थान था।