Photos: एक दिन के लिए भारत की राजधानी रह चुका है यूपी का ये शहर, गांधी परिवार से है खास नाता

भारतीय इतिहास में देश की राजधानी कई बार बदली जा चुकी है। अलग-अलग शहरों क भारत की राजधानी बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के इतिहास में एक बार ऐसा भी हो चुका है, जब किसी शहर को केवल एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था। यह शहर उत्तर प्रदेश के अहम शहरों में से एक है। आइए जानते हैं कि ये शहर कौन सा है और क्यों इसे एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था?

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भारत की राजधानी

इतिहास के पन्नों में दिल्ली से पहले कई शहरों को भारत की राजधानी बनने का गौरव मिल चुका है। जिसमें एक शहर ऐसा भी है, जिसे एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था। इस जिले का खास नाता गांधी परिवार से भी है।

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प्रयागराज

प्रयागराज को एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था। यह शहर 1858 में देश की राजधानी बना। उस समय यह इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था और उत्तर पश्चिम प्रांत की भी राजधानी हुआ करता था।

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क्यों बना एक दिन की राजधानी

दरअसल शहर में 1 नवंबर 1858 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने ब्रिटिश राजशाही को राष्ट्र का प्रशासन सौंपा था। इस वजह से इलाहाबाद एक दिन के लिए देश की राजधानी बना था। उस समय अंग्रेजों ने यहां पर हाई कोर्ट से लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी।

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ये शहर भी रह चुके हैं राजधानी

भारतीय इतिहास में पाटलिपुत्र, कोलकाता, धर्मशाला और शिमला को भी देश की राजधानी बनने का गौरव प्राप्त हो चुका है। साल 1911 में अंग्रेजों ने भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया था। उस दौरान कोलकाता को कलकत्ता के नाम से जाना जाता था।

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शिमला कब बनी भारत की राजधानी

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला भी भारत की राजधानी बन चुकी है। साल 1864 से 1939 के दौरान शिमला देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को औपराचिक रूप से भारत की राजधानी घोषित किया गया था।

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तीन नदियों के संगम पर बसा शहर

प्रयागराज, देश के ऐतिहासिक और पौराणिक शहरों में से एक है। यह शहर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम पर बसा है। तीनों नदियों के संगम के स्थान को त्रिवेणी के रूप में भी जाना जाता है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुंभ मेला लगता है।