NCR के इस शहर के नीचे दफन है एक नदी, जानें कैसे इतिहास के पन्नों में हुई गुम
एनसीआर यानी नेशनल कैपिटल रीजन तीन राज्यों के जिलों से मिलकर बना है। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ जिले शामिल है। इनमें से एक शहर गुरुग्राम है, जिसे आज आईटी हब के तौर पर लोग जानते हैं। इस शहर के नीचे एक नदी दफन है। आइए जानते हैं कि ये कौन सी नदी है और कैसे गुम हो गई।
गुरुग्राम
गुरुग्राम को आज देश के आईटी हब के तौर पर जाना जाता है। यहां पर कई बड़ी-बड़ी कंपनियां, सोसायटी, मॉल्स, रेस्टोरेंट आदि जगहें बनी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के चमकते-दमकते गुरुग्राम से कभी कोई नदी बहा करती थी। जिसका नाम साहिबी नदी है।
साहिबी नदी पर बसा शहर
साहिबी नदी को सीबी भी कहा जाता था। यह नदी जयपुर के जीतगढ़ नामक स्थान से निकलती थी। साहिबी नदी राजस्थान के जयपुर और अलवर के बाद हरियाणा के रेवाड़ी और गुड़गांव से होकर बहती थी। जिसके बाद दिल्ली में यह नजफगढ़ नाले में मिल जाती थी।
बारिश पर निर्भर थी नदी
साहिबी एक बरसाती नदी थी, जो पूरी तरह बारिश पर निर्भर करती थी। नदी के बहाव को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली-जयपुर हाईवे पर एक बांध भी बनाया गया था। जानकारों के अनुसार साल 1980 तक इस नदी में पानी था। लेकिन बारिश कम होने से यह नदी सूख गई। जिसके बाद अलवर से लेकर गुरुग्राम तक जगह-जगह प्लाट काटे गए और नदी की जमीन पर बिल्डिंग बन गई।
यमुना में पहुंचता था पानी
साहिबी नदी बरसाती पानी को नजफगढ़ नाले के रास्ते यमुना नदी तक पहुंचाती थी। लेकिन अब इस नदी का आस्तित्व खत्म हो गया है। अब भी नजफगढ़ के ढासा में नदी के पानी के स्तर को दिखाने वाला स्केल मौजूद है। इसी नदी से नजफगढ़ झील को पानी मिलता था। यह नजफगढ़ नाले के तौर पर आगे यमुना में मिलती थी।
इसी वजह से गुरुग्राम में आती है बाढ़
गुरुग्राम की ऊंची-ऊंची इमारतें इसी नदी की जमीन पर बनी है। इसी वजह से बारिश के सीजन में गुरुग्राम में बाढ़ आती है और यह चमचमाता शहर बारिश में तालाब बन जाता है।
क्या कहते हैं भूगोल विशेषज्ञ
भूगोल विशेषज्ञों के अनुसार अगर साहिबी नदी का रास्ता अभी मौजूद रहता तो गुरुग्राम को बाढ़ से बचाया जा सकता था।
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