Vande Bharat Sleeper: आ गई लग्जरी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन, हर कोच में बनवा सकेंगे पसंदीदा खाना; शताब्दी भी नहीं ले पाएगी टक्कर!
Sleeper Vande Bharat Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की डिजाइन का खुलासा हो गया है। यह ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस से पूरी तरह अलग होगी। कुछ ही दिन शेष हैं, जब ये हाईस्पीड ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी। इस ट्रेन के हर कोच में मिनी पेंट्री की व्यवस्था की गई, ताकि यात्री अपनी पसंद का भोजन तुरंत तैयार करा सकें। आइये जानते हैं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की और क्या खासियतें हैं।

स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को लेकर दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। अब रेलवे ने भी इस हाईस्पीड ट्रेन के ट्रायल की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इसका ट्रायल रन रेगिस्तान की रेतीली धरती कोटा के आसपास हो रहा है। रेलवे के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत के 100 से अधिक ट्रेन सेट बनाए जाने हैं। इसके लिए रेल मंत्रालय ने 80 ट्रेन सेट का कांट्रेक्ट छोड़ दिया है। अब रूसी रेलवे की प्रमुख कंपनी इस कांट्रेक्ट हो पूरा करेगी। आइये जानते हैं स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों में कितने टॉयलेट होंगे और क्या अन्य व्यवस्थाएं होंगी।

स्लीपिंग बर्थ ऑन वंदे भारत स्लीपर
स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को लेकर रेलवे ने कई अहम जानकारियां साझा की हैं। वंदे भारत ट्रेन को शुरुआत में शताब्दी एक्सप्रेस की तरह चेयरकार वाले डिब्बों में ही डेवलप किया जाएगा। स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों में स्लीपर क्लास की तरह सोने वाली बर्थ भी लगाई जाएगी। लेकिन, अभी तक यह तय नहीं हो पाया था कि प्रत्येक डिब्बे में कितने टॉयलेट होंगे। जैसा की एक्सप्रेस ट्रेनों में चार टॉयलेट होते हैं।

ये कंपनिया बना रहीं स्लीपर वंदे भारत
रेल मंत्रालय ने खुद बताया कि वंदे भारत स्लीपर के 80 ट्रेन सेट के लिए ठेका छोड़ दिया है। हमारी सहयोगी वेबसाइट एनबीटी के मुताबिक, यह टेंडर रूसी रेलवे कि प्रमुख कंपनी टीएमएच और भारतीय रेलवे के पीएसयू, आरवीएनएल की एसपीवी काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस ने लिया है। इसके तहत कुल 1920 स्लीपर कोच बनाए जाने हैं। यह 55,000 करोड़ का ठेका है। इसमें हर कोच में तीन टॉयलेट्स और एक टॉयलेट की जगह मिनी पेंट्री का प्रावधान था।

वंदे भारत स्लीपर में कितने टॉयलेट
रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत स्लीपर के कोच की डिजाइनिंग में कुछ बदलाव हुआ था। क्योंकि इन ट्रेनों को राजधानी एक्सप्रेस तरह लंबे रूट्स पर चलाने की मंशा है। इसलिए कहा गया है कि हर डिब्बे में राजधानी एक्सप्रेस के डिब्बों की तरह 4 टॉयलेट बनाए जाएंगे। साथ ही हर ट्रेन में एक पेंट्री कार का प्रावधान हो, ताकि उसमें यात्रियों के लिए भोजन तैयार हो सके।

स्लीपर वंदे भारत में पेंट्री कार
इस बारे में जानने के बाद कांट्रेक्ट लेने वाली कंपनियों ने अतिरिक्त राशि की मांग की। कंपनियों का कहना है था कि हर डिब्बे में तीन के बजाय चार टॉयलेट बनाने में खर्च बढ़ेगा। इसके साथ ही हर रैक में एक पेंट्री कार बनाने से भी खर्च में इजाफा होगा। लिहाजा, रेलवे से ज्यादा राशि की मांग की गई थी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया खुलासा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले पर हो रही चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में हर डिब्बे में चार नहीं, बल्कि 3 ही टॉयलेट होंगे। इसके साथ ही ट्रेन में अलग से कोई पेंट्री कार की व्यवस्था नहीं होगी। हालांकि, हर डिब्बे को एक मिनी पेंट्री कार (Mini Pantry Car) से लैस किया जाएगा।

वंदे भारत स्लीपर बनाने वाली कंपनियां
Vande Bharat Sleeper Train के रैक बनाने का कांट्रेक्ट सिर्फ काइनेट रेलवे सॉल्यूशंस को ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य कंपनियों को इसमें शामिल किया गया है। इन प्रमुख कंपनियों में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और टीटागढ़ रेल सिस्टम (Titagarh Rail System) के कंसोर्टियम को 53 ट्रेन सेट या 1280 कोच का कॉट्रेक्ट मिला है। इसके अलावा सरकारी कंपनी बीईएमएल और इंट्रीगल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई को नामांकन के आधार पर 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का कांट्रेक्ट दिया गया है।

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