फ्लाइट से कम नहीं स्लीपर वंदे भारत ट्रेन, इंटीरियर देख चौंधिया जाएंगी आंखें; 180 KM की रफ्तार में मिलेगा लग्जरी सफर
Ahmedabad-Mumbai Sleeper Vande Bharat Train: अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल तक ट्रायल रन के दौरान कांदिवली और बोरीवली स्टेशनों के बीच नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन देखी गई। यह ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस से पूरी तरह अलग डिजाइन की गई है। इसके प्रत्येक कोच में मिनी पेंट्री की व्यवस्था की गई, ताकि यात्री अपनी पसंद की खाने-पीने की चीजें तुरंत बनवा सकें। रेलवे के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत में हवाई जहाज जैसे यात्रा का अनुभव होगा। आइये जानते हैं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में और क्या व्यवस्थाएं की गई हैं।
स्लीपर वंदे भारत का ट्रायल रन
भारतीय रेलवे वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की शुरुआत के साथ लंबी दूरी के मार्गों पर विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने की तैयारी कर रही है। अब ट्रायल के बाद स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को लेकर और दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। रेलवे के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत के 100 से अधिक ट्रेन सेट बनाए जाने हैं। यह कदम छोटी और मध्यम दूरी के यात्रियों के लिए चेयर कार ट्रेनों के माध्यम से तेज़ और सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के बाद उठाया गया है। आइये जानते हैं यह स्लीपर वंदे भारत ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से कितनी अलग है।
स्लीपर वंदे भारत में लक्जरी यात्रा
मुंबई सेंट्रल में ट्रायल रन के दौरान वंदे भारत स्लीपर का प्रोटोटाइप रेक देखी गई। वंदे भारत स्लीपर के प्रोटोटाइप रेक का इंटीरियर बेहद शानदार है। पश्चिमी रेलवे ने अहमदाबाद और मुंबई सेंट्रल के बीच वंदे भारत स्लीपर के प्रोटोटाइप रेक का COCR ट्रायल रन किया। इसकी डिजाइन आपको हवाई जहाज जैसी फीलिंग देगी। रेल मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों को हवाई यात्रा की याद दिलाने वाला लक्जरी यात्रा अनुभव मिलेगा, जिससे लंबी दूरी की यात्राएं अधिक आनंददायक और कुशल हो जाएंगी। वर्तमान में, 136 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें भारत भर में छोटी और मध्यम दूरी के मार्गों पर चलती हैं, जो दिल्ली, वाराणसी और अन्य जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं।
स्लीपिंग बर्थ इन वंदे भारत स्लीपर
स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को लेकर रेलवे ने कई अहम जानकारियां साझा की हैं। वंदे भारत ट्रेन को शुरुआत में शताब्दी एक्सप्रेस की तरह चेयरकार वाले डिब्बों में ही डेवलप किया जाएगा। स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों में स्लीपर क्लास की तरह सोने वाली बर्थ भी लगाई जाएगी। लेकिन, अभी तक यह तय नहीं हो पाया था कि प्रत्येक डिब्बे में कितने टॉयलेट होंगे। जैसा की एक्सप्रेस ट्रेनों में चार टॉयलेट होते हैं। पिछले कुछ दिनों में किए गए सफल परीक्षणों के दौरान वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों ने 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति हासिल की थी।
स्लीपर वंदे भारत की डिजाइन
रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत स्लीपर के कोच की डिजाइनिंग में कुछ बदलाव हुआ था। क्योंकि इन ट्रेनों को राजधानी एक्सप्रेस तरह लंबे रूट्स पर चलाने की मंशा है। इसलिए कहा गया है कि हर डिब्बे में राजधानी एक्सप्रेस के डिब्बों की तरह 4 टॉयलेट बनाए जाएंगे। साथ ही हर ट्रेन में एक पेंट्री कार का प्रावधान हो, ताकि उसमें यात्रियों के लिए भोजन तैयार हो सके।
कब चलेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
रेल मंत्रालय ने बताया कि दिसंबर के अंत में शुरू हुए परीक्षण जनवरी तक जारी रहेंगे, जिसका लक्ष्य देश भर में लंबी दूरी के यात्रियों को यह उच्च गति वाला विश्व स्तरीय अनुभव उपलब्ध कराना है। एक बार परीक्षण पूरा हो जाने के बाद, ट्रेनों का रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा उनकी अधिकतम गति पर अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण चरण को पार करने के बाद, वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और नियमित सेवा में शामिल करने के लिए भारतीय रेलवे को सौंप दिया जाएगा
स्लीपर वंदे भारत में कितने टॉयलेट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मामले पर हो रही चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में हर डिब्बे में चार नहीं, बल्कि 3 ही टॉयलेट होंगे। इसके साथ ही ट्रेन में अलग से कोई पेंट्री कार की व्यवस्था नहीं होगी। हालांकि, हर डिब्बे को एक मिनी पेंट्री कार (Mini Pantry Car) से लैस किया जाएगा। आराम दायक बनाने के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ डिज़ाइन की गई, वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन-बोर्ड वाईफाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाएं होंगी।
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