Top-5 Expressway: रफ्तार के महारथी होंगे ये 5 सबसे लंबे एक्सप्रेसवे, हवा से बातें करेंगी गाड़ियां
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India Top Expressway: देश के तमाम शहरों तक बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे विकसित किए जा रहे हैं। इनके जरिए करोड़ों की संख्या में वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। हाईटेक तरीके से विकसित किए एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे एक्सीडेंट जैसी घटनाओं में कमी लाने में सक्षम हैं। तो आज हम आपको भारत के पांच टॉप एक्सप्रेसवे के बारे में बताते हैं, जो लंबाई में शीर्ष पर हैं, जिनमें वाहन हवा से बातें करते नजर आएंगे।
भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत देशभर में हाईटेक एक्सप्रेसवे विकसित किए जा रहे हैं, जिन्हें आरामदायक सफर के लिए मुफीद माना जा रहा है। ये हाईटेक सड़क मार्ग आर्थिक आधार पर महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। ये गलियारे व्यापार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। लोग कम समय में ईधन की बचत करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। यानी दिनभर का सफर आधे दिन में पूरा हो रहा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway)
भारत में मौजूदा समय में सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे माना जा रहा है। इस हाईटेक मार्ग की लंबाई 1350 किलोमीटर है। इसके कई हिस्से यातायात के लिए खोल दिए गए हैं। इसका उद्देश्य देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ना है। इस एक्सप्रेसवे को विकसित करने में सरकार 1 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। फिलहाल, इसे 8 लेन में बनाया गया है, लेकिन भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसके जरिए हरियाणा दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। यह इधर, हरियाणा के सोहना से शुरू होकर डीएनडी फ्लाईवे और आखिरी में विरार मुंबई में जाकर खत्म होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि साल 2025 के अंत तक इसे कंपलीट कर लिया जाएगा। इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाए जा सकते हैं।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway)
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। यह दिल्ली-अमृतसर एक्सप्रेसवे पर टिब्बा गांव (कपूरथला जिले) से शुरू होगा और गुजरात के जामनगर में समाप्त होगा। 1256 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को बनाने में सरकार की ओर से 80,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यह 4 से 6 लेन का होगा। एनएचएआई इस परियोजना को साल 2025 में पूरा करने का दावा कर रहा है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से 26 घंटे का सफर घटकर 13 घंटे हो जाएगा। इसका सबसे लंबा स्ट्रेच 917 किमी. राजस्थान में होगा। इस एक्सप्रेसवे से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात सीधे तौर पर जुड़ेंगे। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा से भी कनेक्ट होगा।
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Surat-Chennai Expressway)
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे को भी देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है। इसकी लंबाई 1271 किलोमीटर है। यह गुजरात के सूरत से शुरू होकर चेन्नई शहर तक जाएगा। यह गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को आपस में कनेक्ट करेगा। फिलहाल, इसे 4/6 लेन में बनाया जा रहा है। इसके निर्माण में 45 से 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसको 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाने के लिए लिहाज से डिजाइन किया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसे भी साल 2025 के अंत तक बनाकर कंपलीट कर लिया जाएगा। इसके पहले पार्ट में सूरत-नासिक-अहमदनगर-सोलापुर एक्सप्रेसवे खंड की अनुमानित लागत 30,000 करोड़ है और सोलापुर-चेन्नई दूसरे पार्ट की अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway)
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की लंबाई 700 किलोमीटर है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा। यह 22 जिलों और 37 तहसील क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। 6 लेन के इस एक्सप्रेसवे से महज 8 घंटे में तय होगा। यह संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली कनेक्ट होंगे। इसको विकसित करने में करीब 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसको भी 120 किलोमीटर प्रति घंटे वाहन चलाने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसकी डीपीआर तैयार है। आने वाले कुछ सालों में यह एक्सप्रेसवे यूपी में यातायात की क्रांति लागगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस साल दिसंबर तक इसका कार्य शुरू हो सकता है।
गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर होगा। इसका काम लगभग पूरा होने की दिशा में है। 594 किलोमीटर यह 6 लेन का सड़क मार्ग यूपी के 12 जिले मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रयागराज तक जाएगा। यह 8 घंटे से कम समय में मेरठ से प्रयागराज का सफर तय कराएगा। 120 किलोमीटर प्रति घंटे के लिहाज से डिजाइन किए गए एक्सप्रेसवे को बनाने में 36230 करोड़ रुपये के आसपास खर्च किए जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि महाकुंभ 2025 से पहले ही इसे खोलकर लोगों को सुविधा दी जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के खुलने से बड़ी संख्या में लोगों सहूलियत मिलेगी।
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