भारत का इकलौता राज्य, जहां चलती हैं सबसे ज्यादा मेट्रो ट्रेन; Light Metro भी करा रहीं AC में सफर

India Most Metro Train State: उत्तर प्रदेश इकलौता राज्य है, जिसके पास सबसे अधिक मेट्रो हैं। लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, प्रयागराज समेत गोरखपुर में मेट्रो में चलने का सपना पूरा होने वाला है। इसमें लखनऊ, कानपुर और आगरा में लोग सफर का आनंद ले रहे हैं। आइये जानते हैं, अन्य शहरों में किस प्रकार की मेट्रो चलाई जाएंगी और इनके रूट क्या होंगे?

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​यूपी की पहली लखनऊ मेट्रो​

लखनऊ मेट्रो उत्तर प्रदेश की पहले मेट्रो परियोजना थी, जिसका निर्माण कार्य समाजवादी पार्टी के कार्यकाल यानी सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ। इसके बाद योगी सरकार में इसका और विस्तार हुआ। अब राजधानी की दो लाइनों में ये मेट्रो ट्रेने दौड़ रही हैं। लखनऊ मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपये है। ब्लू लाइन का अधिकतम किराया 60 रुपये है। लखनऊ की पहली मेट्रो सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात्रि 10 बजे तक सेवा देती है।

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​2 रूटों पर चलती है लखनऊ मेट्रो​

लखनऊ मेट्रो की रेड लाइन रूट मुंशी पुलिया से चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे अमौसी तक है। इसे उत्तर-दक्षिण गलियारा कहा जाता है। रेड लाइन पूर्णतया 2029 में कमर्शियल तौर पर संचालित की गई। इस रूट पर 21 स्टेशन हैं। दूसरा रूट ब्लू लाइन है, जो चारबाग मेट्रो स्टेशन से वसंत कुंज तक है। इसे ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के नाम से जाना जाता है। ब्लू लाइन में कुल 12 स्टेशन हैं, जिनमें 6 एलिवेटेड हैं और 6 अंडरग्राउंड। आगे 6 नए मेट्रो कॉरिडोर राजधानी लखनऊ में विकसित करने की योजना है।

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​कानपुर ऑरेंज और ब्लू लाइन मेट्रो​

कानपुर शहर से दक्षिण कानपुर को जोड़ने के लिए प्रस्तावित ऑरेंज और ब्लू लाइन प्रोजेक्ट को इसी साल कंपलीट करने की योजना है। फिलहाल, ऑरेंज लाइन के कुछ हिस्से पर मेट्रो का संचालन 2021 से जारी है, लेकिन अब इसके विस्तारित हिस्से पर मेट्रो दौड़ाने का सफल प्रयास किया गया है। अब आईआईटी से मोतीझील तक के सफर को नयागंज तक पहुंचाने के लिए ट्रायल रन कर खामियों को परखा गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही आगे के चार स्टेशनों तक मेट्रो का परिचालन प्रारंभ किया जा सकता है। । अभी आईआईटी कानपुर से मोतीझील के बीच एलिवेटेड रूट पर मेट्रो का संचालन किया जा रहा था।

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​आगरा लाइट मेट्रो​

आगरा को पहली मेट्रो फरवरी 2024 में मिली। 29.65 किमी लंबे मेट्रो कॉरिडोर रैपिड ट्रांजिट सिस्टम में कुल 29 स्टेशन हैं। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार में साल 2014 में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपी गई थी। लेकिन, साल में 2029 में इसे मंजूरी मिली। मंजूरी में देरी नई सरकार (योगी सरकार) के गठन और संशोधित नीतियों के कारण होना बताया जा रहा है। पहली मेट्रो में तीन डिब्बे सवारियों के लिए लगाए गए हैं। प्रत्येक कोच में कुल 60 व्यक्ति बैठ सकते हैं, जबकि 200 व्यक्तियों के खड़े होने की क्षमता है। इस प्रकार से पूरी ट्रेन में एक साथ 600 से 700 लोग यात्रा कर सकते हैं। आगरा मेट्रो की पांच ट्रेनें सुबह 6 बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक अपनी सेवा दे रही हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 90 किमी. प्रति घंटे रखी गई है। ब्लू लाइन 15.40 किमी. प्रस्तावित है।

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​मेरठ मेट्रो भारत की सबसे तेज मेट्रो​

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर को भी मेट्रो की सौगात मिल चुकी है। इतना ही नहीं ये भारत की सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाली मेट्रो होगी। इसकी अधिकतम स्पीड 135 किलोमीटर प्रति घंटे है और अधिकतम परिचालन की गति 120 किमी. प्रति घंटे होगी। यह सामान्य मेट्रो से अलग है। मेरठ मेट्रो साल 2025 के जून माह तक संचालित की जा सकती है। मेरठ मेट्रो की स्पीड दिल्ली मेट्रो से काफी अधिक है। यह मेट्रो स्टेमलेस स्टील से निर्मित , चिकने और अत्याधुनिक मॉर्डन हल्के वजन वाले ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल हैं और पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रणाली से सुसज्जित हैं। मेरठ मेट्रो 13 स्टेशनों के बीच यात्रियों को सफर कराएगी। इसे मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक संचालित किया जाएगा। इसके 9 स्टेशन एलिवेटेड यानी ऊपरी होंगे और तीन अंडरग्राउंड यानी जमीन के अंदर होंगे। ट्रेन में तीन कोच होंगे, जिसमें 700 से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे।

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​बरेली में लाइट मेट्रो​

बरेली में मेट्रो परियोजना उतारने को लेकर लंबे समय से बात चल रही थी। पिछले एक साल प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन, एक बार फिर इसको धरातल पर उतारने की कवायत शुरू हुई है। तय रूट मैप के मुताबिक, शहर को दो रूटों पर लाइट मेट्रो चलाई चलाई जाएगी। इसके पहले चरण में 12 और दूसरे चरण में 9 किमी का लाइट मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा। प्रस्तावित लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 3000 करोड़ का बजट तय किया गया था। लेकिन, समय से परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लिहाजा, अब बजट बढ़कर 5,000 करोड़ पहुंच गया है। मेट्रो प्रोजेक्ट पर(वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट) और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार विमर्श हो चुका है।

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​इलाहाबाद लाइट मेट्रो​

प्रयागराज मेट्रो या इलाहाबाद मेट्रो के लिए 2 लाइनें प्रस्तावित हैं। 44 किमी. लंबे कॉरिडोर में करीब 39 स्टेशन बनेंगे। प्रत्येक लाइट मेट्रो में 3 डिब्बे होंगे। इसको बनाने में 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (RITES) ने रिपोर्ट सौंपकर महाकुंभ 2025 से पहले मेट्रो चलाने की उम्मीद जताई है। हालांकि, काम की सिथिलता को देखते हुए लगता है कि यह संभव नहीं है। इलाहाबाद की पहली मेट्रो लाइन मनौरी से शुरू होकर त्रिवेणीपुरम तक जाएगी। पहली लाइन में 20 मेट्रो स्टेशन होंगे। वहीं, दूसरी मेट्रो लाइन शांतिपुरम से शुरू होकर करछना तक जाएगी, जिसमें 19 स्टेशन होंगे।

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​गोरखपुर मेट्रो परियोजना​

गोरखपुर मेट्रो परियोजना लाइट रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है। मेट्रोलाइट लगभग 28 किलोमीटर की लंबाई को कवर करते हुए 27 स्टेशनों को कवर करेगी। इसमें 2 एलिवेटेड लाइनें होंगी। प्रस्तावित मेट्रो रूट पर 2024 में मेट्रो चलाने की उम्मीद है। इसमें पहली लाइन श्याम नगर से सूबा चौराहा तक जाएगी, जिसमें 16 स्टेशन होंगे। वहीं दूसरी लाइन गुलरिहा से कचहरी चौराहा तक जाएगी, जिसमें कुल 11 स्टेशन होंगे।