महाराणा प्रताप को क्या कहकर बुलाता था अकबर, मौत पर नम हो गई थी बादशाह की आंखें; PHOTOS

महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई हल्दीघाटी की लड़ाई इतिहास के सबसे मशहूर लड़ाइयों में गिनी जाती है। 18 जून 1576 में लड़ी गई इस लड़ाई में महाराणा प्रताप बुरी तरह जख्मी हो गए थे। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी कुशल रणनिति थी, जिसकी वजह से मुगलों को जीत हासिल नहीं हो सकी थी। इतिहासकारों का कहना है कि महाराणा प्रताप के वीरता और युद्ध कौशल से मुगल बादशाह प्रभावित थे और उनके मृत्यु पर अकबर की आखें नम हो आईं थीं। आइए जानें उनकी मौत पर अकबर ने उन्हें क्या किस नाम से बुलाया था-

महाराणा प्रताप ने नहीं मानी हार
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महाराणा प्रताप ने नहीं मानी हार

महाराणा प्रताप का नाम भारत के सबसे शूरवीर योद्धाओं में शामिल है। उन्होंने बुरी-से-बुरी परिस्थिति में भी कभी न हार मानी और न ही गुलामी स्वीकार की।​

जीवन भर किया  संघर्ष
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जीवन भर किया संघर्ष

अगर के शासन काल में और उसके बढ़ते साम्राज्य के विरोध में महाराणा प्रताप ने जीवन भर संघर्ष किया और न जाने कितने कष्ट उठाए, लेकिन कभी हार नहीं मानी।

अकबर और महाराणा प्रताप
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अकबर और महाराणा प्रताप ​

महाराणा प्रताप और अकबर की दुश्मनी के बारे में इतिहास में काफी कुछ है। इनकी लड़ाइयों के बारे में सभी जानते हैं। अकबर महाराणा प्रताप को हराने में कभी कामयाब नहीं हो सका।

महारणा प्रताप के प्रशंसक थे अकबर
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महारणा प्रताप के प्रशंसक थे अकबर

बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि आपसी लड़ाइयों के बावजूद अकबर महारणा प्रताप का प्रशंसक भी था। उसने अपने बेटे से भी उनकी तारीफ की थी।​

मातृभूमि के लिए समर्पित राजा
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​मातृभूमि के लिए समर्पित राजा

जब बादशाह ने महाराणा प्रताप के मौत की खबर सुनी थी तो उनकी आंखे नम हो उठी थी। अकबर ने उन्हें शूरवीर, पराक्रमी और मातृभूमि के लिए समर्पित राजा कहा था।

देश के वीर योद्धाओं शामिल
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​देश के वीर योद्धाओं शामिल

महाराणा प्रताप की वीरता के बारे में आज राजस्थान ही नहीं पूरा देश जानता है। आज उनका नाम वीरता, देश के लिए समर्पण और स्वाभिमान के लिए देश के वीर योद्धाओं शामिल है।

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