इस शहर को कहते हैं बिहार का दार्जिलिंग, नहीं सुना होगा नाम

Darjeeling of Bihar: दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का बेहद ही खूबसूरत जिला है। दार्जिलिंग अपनी खूबसूरती और चाय बागान के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि बिहार में भी एक दार्जिलिंग है, तो क्या आप यकीन करेंगे। शायद आप विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन यह सच है। बिहार में भी एक शहर है, जो अपनी खूबियों की वजह से बिहार का दार्जिलिंग कहलाता है। जानिए, आखिर वह कौन सा शहर है।

01 / 05
Share

बिहार का दार्जिलिंग

पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग शहर खासकर चाय बागान के लिए जाना जाता है। दार्जिलिंग की चाय पूरी दुनिया में मशहूर है। इसी तरह बिहार का एक शहर है, जो बिहार का दार्जिलिंग कहलाता है। जब आप इस शहर को देखेंगे तो कहीं से भी आपको यह शहर दार्जिलिंग से कम नहीं लगेगा।

02 / 05
Share

पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार

हम जिस शहर की बात कर रहे हैं वह बिहार का दार्जिलिंग तो कहलाता ही है। साथ ही साथ उसे पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह शहर पूर्वोत्तर भारत की तरफ जाने लिए अहम है। इसी शहर से होकर आप पूर्वोत्तर भारत की तरफ जाएंगे, जिस वजह से इसे पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है।

03 / 05
Share

कौन सा शहर?

दरअसल, हम बिहार के किशनगंज जिले की बात कर रहे हैं। किशनगंज जिले में बड़े स्तर पर चाय की खेती होती है। यहां चाय बागान होने की वजह से इसे बिहार का दार्जिलिंग कहा जाता है। किशनगंज में 1992 से चाय की खेती होती आ रही है और दिन प्रतिदिन खेती का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।

04 / 05
Share

कब हुई चाय बागान की शुरुआत?

कहा जाता है कि किशनगंज में 1992 में केवल पांच एकड़ में चाय की खेती शुरू हुई थी, जो अब बढ़कर करीब 10 हजार एकड़ तक पहुंच गया है, जिस वजह से इसे बिहार का दार्जिलिंग कहा जाता है। इसके अलावा यह जिला सिलीगुड़ी से काफी नजदीक है, तो यहां का मौसम भी काफी शानदार रहता है।

05 / 05
Share

बड़े स्तर पर होती है चाय की बागानी

बता दें कि किशनगंज में चाय की खेती बढ़ते देखकर जिले में अब नौ निजी और एक सरकारी टी प्रोसेसिंग प्लांट चल रहे हैं। वर्तमान में इससे करीब पांच हजार किसान जुड़े हैं, जो चाय की खेती करते हैं।