क्यों बनाया गया था पटना का गोलघर, आज कौन है इसका मालिक?

बिहार की राजधानी पटना में स्थित गोलघर भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि एक कहानी है, जो सदियों से बिहार के इतिहास को खुद में समेटे हुए है। क्या आपको पता है कि आखिर गोलघर का निर्माण क्यों किया गया था और इसे किसने बनवाया था या अभी इसका मालिक कौन हैं। अगर नहीं, तो आइए इसका जवाब देते हैं।

अनाज का भंडारण
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अनाज का भंडारण

पटना के गोलघर का निर्माण अनाज के भंडारण के लिए किया गया था। बिहार में आए भीषण अकाल के बाद अनाज की सुरक्षित भंडारण व्यवस्था की आवश्यकता महसूस महसूस होने पर इसका निर्माण हुआ था।

किसने बनवाया था
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किसने बनवाया था?

आपको बता दें कि अनाज भंडारण के लिए उस वक्त बंगाल के तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के निर्देश पर इसका निर्माण शुरू हुआ। इसे तैयार करके अनाज रखा जाने लगा था।

कौन है इसका मालिक
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कौन है इसका मालिक?

गोलघर का निर्माण कार्य 1784 में ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन जॉन गास्टिन के नेतृत्व में शुरू हुआ था और 1786 में इसे पूरा किया गया था। शुरू में इसका मालिकाना हक ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था, लेकिन 1857 के विद्रोह के बाद यह अंग्रेजी सरकार के अधीन आ गया। भारत की आजादी के बाद यह बिहार राज्य सरकार की संपत्ति बन गया और वर्तमान में इसकी देखरेख पटना नगर निगम द्वारा की जाती है।और पढ़ें

गोलघर की विशेषताएं
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गोलघर की विशेषताएं

गोलघर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी विशाल भंडारण क्षमता है। कहा जाता है कि इसमें लगभग एक लाख चालीस हजार टन अनाज को रखा जा सकता था। इसकी बनावट और इसकी 145 सीढ़ियां इसे खास पहचान देती हैं। इसके ऊपर से पूरा पटना शहर दिखता है।

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