क्या BHMS डिग्री वाले भी होते हैं 'डॉक्टर', जानें MBBS से कितना है अलग
मेडिकल साइंस में होम्योपैथिक पद्धति को भी काफी अहम माना जाता है। तमाम लोग एलोपैथ की बजाय होम्योपैथिक पद्धति से इलाज कराते हैं। भारत में हर साल हजारों स्टूडेंट्स होम्योपैथ की पढ़ाई करते हैं। होम्योपैथ की ग्रेजुएशन डिग्री को बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी यानी BHMS कहते हैं। आइए जानते हैं कि अगर किसी को होम्योपैथिक डॉक्टर बनना हो, तो इसकी पढ़ाई कैसे करें।
BHMS क्या है?
BHMS यानी बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है,जिसमें मेडिकल की पढ़ाई कराई जाती है। ये साढ़े 5 साल का कोर्स होता है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई कॉलेज में होती है और 1 साल की इंटर्नशिप करनी होती है।
क्या BHMs डिग्री वाले डॉक्टर कहलाते हैं?
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) कोर्स को करने के बाद होम्योपैथिक पद्धति के डॉक्टर बनते हैं। इन्हें भी डॉक्टर ही कहा जाता है। BHMs करने के बाद प्रैक्टिस कर सकते हैं।
क्या BHMs डिग्री MBBS के बराबर है?
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी एक बैचलर डिग्री है। यह MBBS के समान ही है। एमबीबीएस डिग्री एलोपैथी के क्षेत्र में पढ़ाई होती है। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रोफेशन यानी RMP के तहत डिग्री पूरी होने के बाद प्रैक्टिस किया जा सकता है।
क्या BHMs में एडमिशन NEET से होता है?
भारत में ज्यादातर कॉलेजों में बैचलर ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली नेशनल एजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की परीक्षा देनी होती है। कई कॉलेजों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के जरिये भी एडमिशन दिया जाता है।
कितनी होती है फीस?
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी के लिए महीने में 30,000 और प्रतिवर्ष 4 लाख रुपए होती है। बीएचएमएस (BHMS) की संस्थान और कॉलेज पर भी निर्भर करती है। कई अन्य यूनिवर्सिटीज भी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से एडमिशन देती हैं।
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