क्या LLB के बिना एडवोकेट बन सकते हैं, जानें क्या है एडवोकेट बनने का तरीका, कितनी होती है कमाई
भारत में ज्यादातर युवा 12वीं के बाद इंजीनियरिंग, डॉक्टरी या एडवोकेसी करना चाहते हैं। आज हम जानेंगे एडवोकेसी के बारे में, 12वीं के बाद एडवोकेट कैसे बन सकते हैं? क्या इसके लिए एलएलबी करना जरूरी है? एक एडवोकेट की कितनी होती है कमाई, जानें सब कुछ
एडवोकेट को अधिवक्ता भी कहते हैं, एक एडवोकेट अपने मुवक्किल का न्यायालय में प्रतिनिधित्व करता है, यानी अदालत में केस लड़ता है। अधिवक्ता हर देश की कानूनी व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है। अपने तर्कों के माध्यम से, वह मामले को प्रस्तुत करता है और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए विशेष रूप से उत्तरदायी होता है। उसके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और तर्कों का उपयोग न्यायालय द्वारा अपना निर्णय देने के लिए किया जाता है। उसके पास किसी मामले को बनाने या बिगाड़ने की क्षमता और योग्यता होती है।
क्या LLB के बिना एडवोकेट बन सकते हैं?
भारत में एलएलबी के बिना एडवोकेट नहीं बना जा सकता है। एलएलबी एक तीन वर्षीय बैचलर ऑफ लॉ डिग्री है, जो उन लोगों के लिए अवसरों के द्वार खोलती है जो 'लॉ सेक्टर' में अपना करियर बनाना चाहते हैं। हालांकि लॉ काफी व्यापक टर्म है, इसमें लेबर लॉ, फैमिली लॉ, क्रिमिनल लॉ, कॉन्स्टीट्यूशनल लॉ, कॉर्पोरेट लॉ, लॉ ऑफ टोर्ट, ह्यूमन राइट्स एंड इंटरनेशनल लॉ, इंटरनेशनल ट्रेड लॉ और बहुत कुछ शामिल है। और पढ़ें
एलएलबी करने के हैं दो तरीके
उम्मीदवार एलएलबी या इंटीग्रेटेड एलएलबी (जैसे बीए एलएलबी या बीबीए एलएलबी) के बाद सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में करियर के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, वे स्वतंत्र वकीलों के रूप में अपना खुद का अभ्यास शुरू कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले उन्हें प्रतिष्ठित कानूनी फर्म या कानूनी सलाहकार के ट्रेनी के रूप में काम करना जरूरी है।और पढ़ें
एडवोकेट कैसे बनते हैं?
या तो आपने ग्रेजुएशन के बाद तीन वर्ष की एलएलबी डिग्री हासिल की हो, या फिर 12वीं के बाद सीधे 5 साल का एकीकृत कार्यक्रम में प्रवेश लेकर कोर्स पूरा किया हो। इनमें प्रवेश के लिए कुछ परीक्षाएं भी होती है, जैसे कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट (CLAT), इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (IPU CET) या कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET)और पढ़ें
क्या है AIBE परीक्षा
एडवोकेट एक पेशेवर होता है, जो अदालत में अभ्यास कर सकता है। लेकिन अभ्यास के लिए उसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) की परीक्षा पास करनी होती है, इसके बाद उसे सर्टिफिकेट CoP मिल जाता है और वो केस लड़ने लायक हो जाता है।
एडवोकेट की सैलरी कितनी होती है?
एडवोकेट की सैलरी के बारे में सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में जितना अधिक अनुभव होगा, उतना आप चार्ज कर सकते हैं। अनुभव के साथ साथ आपकी फीस या सैलरी बढ़ती जाती है, इसके अलावा आपका कौशल आपको तेजी से सफल एडवोकेट के रूप में पहचान दिला सकता है।
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