इस नामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थे चाणक्य, जहां दुनिया भर से पढ़ने आते थे लोग

चाणक्य को भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है। उनको आचार्य विष्णु गुप्त या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाणक्य किस यूनिवर्सिटी में पढ़ाया करते थे?

अर्थशास्त्र का पितामह
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​​अर्थशास्त्र का पितामह​

​चाणक्य को भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है। उनको आचार्य विष्णु गुप्त या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। इन्‍होंने ही चंद्रगुप्त मौर्य को अखंड भारत का सम्राट बनाया।​

चाणक्य का अर्थशास्त्र
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​​चाणक्य का अर्थशास्त्र​

​चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। चाणक्य का अर्थशास्त्र शायद दुनिया का पहला ऐसा ग्रंथ है, जिसमें एक राज्य को लेकर बहुत सारी व्याख्याएं की गई हैं।​

रचनात्मक बुद्धि के प्रतीक
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​​रचनात्मक बुद्धि के प्रतीक​

​चाणक्य भारत की रचनात्मक बुद्धि के प्रतीक माने जा सकते हैं। उनकी कई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि चाणक्य आखिर किस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे?​

इस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर
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​​इस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर​

​मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक समय चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्याल के प्रोफेसर हुआ करते थे। ये विश्वविद्यालय न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय माना जाता है। वर्तमान में तक्षशिला पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले की एक तहसील है।​

दुनिया भर से पढ़ने आते थे लोग
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​​दुनिया भर से पढ़ने आते थे लोग​

​उस समय तक्षशिला विश्वविद्यालय दुनियाभर में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। यहां दुनियाभर से विद्वान पढ़ने आते थे। बता दें कि तक्षशिला में वेद, गणित, व्याकरण समेत कई विषय पढ़ाए जाते थे। ​

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