डॉ. भीमराव अंबेडकर की लिखी ये 5 किताब, बदल देंगी जीवन का नजरिया

​डॉ. भीमराव अंबेडकर को एक समाज सुधारक और संविधान के पिता के रूप में तो जाना ही जाता है। लेकिन क्या आपको ये पता है कि उनके पास कुल 32 डिग्रियां थी और उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान भी था। रिपोर्ट्स की मानें तो बाबा साहब की पर्सनल लाइब्रेरी 'राजगृह' में 50,000 से अधिक किताबे थीं। ऐसे में आज हम आपको उनके द्वारा लिखी गई 5 किताबों के बारे में बातएंगे, जिससे आपको बहुत कुछ सिखने को मिल सकता है।

The Annihilation of Caste
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​​​The Annihilation of Caste​

​यह किताब डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध कितबों में से एक है। इसका प्रकाशन साल 1936 में हुआ था। इस किताब में जाति व्यवस्था का घोर विरोध किया गया है।​

Who were the Shudras
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​​Who were the Shudras?​

​साल 1946 में प्रकाशित इस किताब में शूद्र वर्ण की उत्पत्ति पर चर्चा की गई है। अंबेडकर ने यह पुस्तक ज्योतिराव फुले को समर्पित की थी।​

The Buddha and his Dhamma
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​​The Buddha and his Dhamma​

​बाबा साहब द्वारा लिखी इस आखिरी किताब का प्रकाशन 1957 में हुआ था। इसमें डॉ. बीआर अंबेडकर ने बौद्ध धर्मग्रंथ की समीक्षा की है।​

The Problem of Rupee
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​​The Problem of Rupee​

​मूल रूप से 1923 में प्रकाशित यह किताब ब्रिटिश भारत में 'मुद्रा प्रश्न' को संबोधित करती है, जिसके कारण भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई थी।​

States and Minorities
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​​States and Minorities​

​बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लिखी यह किताब साल 1947 में प्रकाशित हुई थी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।​

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