भारत के 7 महान इंजीनियर्स, दुनिया भी मानती है लोहा, किया चौंकाने वाला काम
हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। ये वह दिन है जब हम दुनिया भर के इंजीनियरों का जश्न मनाते हैं। भारत में ऐसे कई इंजीनियर्स हुए हैं जिन्होंने वर्ल्ड लेवल पर ऐसे कारनामे कर दिए हैं कि आज भी दुनिया उनका लोहा मानती है। आइए भारत के ऐसे ही 7 इंजीनियर्स के बारे में जानते हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग को एक अलग दिशा दी है।
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया
इंजीनियर्स डे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के सम्मान में मनाया जाता है। उनकी वजह से ही इस दिन दुनिया भर में इंजीनियरों के काम और प्रयासों का सम्मान और महत्व होता है। विश्वेश्वरैया बांधों में पानी के व्यर्थ प्रवाह को रोकने के लिए ब्लॉक सिस्टम के संस्थापक थे। एम वी मैसूर में महान कृष्ण राजा सागर बांध के आर्किटेक्ट थे।
सतीश धवन
सतीश धवन एक भारतीय गणितज्ञ और एयरोस्पेस इंजीनियर थे। उनका जन्म श्रीनगर, भारत में हुआ था। सतीश धवन ने ग्रामीण शिक्षा, रिमोट सेंसिंग और उपग्रह संचार में अग्रणी प्रयोग किए। उनके प्रयासों से इनसैट- एक दूरसंचार उपग्रह, आईआरएस- भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) जैसी परिचालन प्रणालियां बनीं।
एपीजे अब्दुल कलाम
अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam) मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति नाम से भी जाने जाते हैं। एपीजे अब्दुल कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की, जहां उन्होंने 1960 में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। कलाम साहब ने एक वैज्ञानिक के रूप में देश के अंतरिक्ष और रक्षा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ई श्रीधरन
भारत के मेट्रो मैन के रूप में प्रसिद्ध ई श्रीधरन का नाम दुनिया के सबसे महान इंजीनियर्स में शामिल है। ई श्रीधरन ने बहुत कम समय के भीतर दिल्ली मेट्रो के निर्माण का कार्य किसी सपने की तरह बेहद कुशलता और श्रेष्ठता के साथ पूरा कर दिखाया था। देश के अन्य कई शहरों में भी मेट्रो सेवा शुरू करने में उनका अहम योगदान है।
सुंदर पिचाई
सुंदर पिचाई 2004 में गूगल में शामिल हुए और वर्तमान में, वे गूगल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। उनका जन्म मदुरै तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने जवाहर विद्यालय, अशोक नगर चेन्नई से अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर से इंजीनियरिंग की।
वर्गीज कुरियन
वर्गीज कुरियन 1965 से 1998 तक राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष थे। वे भारतीय श्वेत क्रांति के जनक थे, जिससे भारत को विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद मिली। उन्होंने 1947 में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री ली है।
सुभा वारियर
सुभा वारियर एक भारतीय अंतरिक्ष इंजीनियर हैं। उन्होंने भारतीय उपग्रह प्रक्षेपणों में इस्तेमाल होने वाले वीडियो सिस्टम में विशेषज्ञता हासिल की है। 2017 में उन्हें एक प्रक्षेपण में 104 उपग्रहों के रिकॉर्ड प्रक्षेपण के बाद भारत के महिलाओं के लिए सर्वोच्च पुरस्कार नारी शक्ति पुरस्कार मिला।
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