​केरल की पहली आदिवासी महिला IAS, जानें कैसा रहा वार्डन से अफसर बनने का सफर

​IAS Sreedhanya Suresh Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। देश के लाखों युवा यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके IAS या IPS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी IAS अधिकारी के बारे में बताएंगे, जिनकी कहानी पूरे समाज के लिए एक मिसाल है।

01 / 05
Share

​​सबसे कठिन परीक्षा​

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। देश के लाखों युवा यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके IAS या IPS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी IAS अधिकारी के बारे में बताएंगे, जिनकी कहानी पूरे समाज के लिए एक मिसाल है।​

02 / 05
Share

​​आईएएस ऑफिसर श्रीधन्या सुरेश​

​आईएएस ऑफिसर श्रीधन्या सुरेश का जन्म केरल के वायनाड जिले में हुआ था और वह कुरिचिया जनजाति से आती हैं। उनका बचपन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था। हालांकि, संसाधनों की कमी के बावजूद भी उन्होंने कभी अपनी पढ़ाई लिखाई में कमी नहीं आने दी।​

03 / 05
Share

​​मास्टर्स की डिग्री​

​एजुकेशन की बात करें तो श्रीधन्या ने कालीकट के सेंट जोसेफ कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने कालीकट यूनिवर्सिटी कोझिकोड से जूलॉजी की पढ़ाई की और यहीं से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। ​

04 / 05
Share

​​यूपीएससी परीक्षा की तैयारी​

​श्रीधन्या को इसके बाद राज्य सरकार के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में सरकारी नौकरी मिल ही गई। यहां उन्होंने आदिवासी छात्रों के हॉस्टल में बतौर वार्डन काम किया। हालांकि, वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थी और जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थीं। ऐसे में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया।​

05 / 05
Share

​​IAS बनने का सपना हुआ पूरा​

​श्रीधन्या ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के चलते आखिरकार साल 2018 में यूपीएससी के तीसरे प्रयास में सफलता पाई। इस परीक्षा में उन्होंने 410वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनने का सपना पूरा किया। बता दें कि वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली केरल की पहली आदिवासी महिला हैं।​