पानी से बिजली कैसे बनती है?

एक बटन प्रेस करते ही घर में लाइट, पंखा, फ्रिज और मोटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक चीजें चल जाती हैं। ये सब बिजली की वजह से ही हो पाता है। अगर बिजली न होती तो सोचिए कि ये सारी सुविधाएं कैसे मिल पाती? ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पानी से बिजली कैसे बनती है।​

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बिजली की सुविधा

एक बटन प्रेस करते ही घर में लाइट, पंखा, फ्रिज और मोटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक चीजें चल जाती हैं। ये सब बिजली की वजह से ही हो पाता है। अगर बिजली न होती तो सोचिए कि ये सारी सुविधाएं कैसे मिल पाती?

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गतिज और स्थितिज ऊर्जा

क्या आप जानते हैं कि बिजली का उत्पादन पानी से भी किया जाता है। पानी से बिजली बनाने की प्रक्रिया को जलविद्युत उत्पादन (Hydroelectric Power Generation) कहते हैं। इस प्रक्रिया से बिजली बनाने के लिए पानी की गतिज (Kinetic) और स्थितिज (Potential) ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।

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पानी रोकने के लिए बांध

पानी से बिजली बनाने के लिए सबसे पहले एक ऐसी नदी या झील का चयन किया जाता है, जिसमें पानी को रोकने के लिए बांध बनाया जा सके। पानी की अधिक मात्रा एक जगह पर इकट्ठा होने की वजह से इसमें स्थितिज ऊर्जा होती है।

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पाइपलाइन का निर्माण

फिर बांध के पानी को टरबाइन तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बनाई जाती है, जिससे तेज गति से पानी नीचे की ओर गिरता है। जब रुका हुआ पानी ऊपर से नीचे गिरता है, तब पानी में उपस्थित स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है।

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पानी की गतिज ऊर्जा

पानी की तेज गति टरबाइन के ब्लेड्स को घुमाती है, जिससे पानी की गतिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा में बदल जाती है। टरबाइन के घूमने पर जनरेटर के अंदर चुंबक और तार का कॉइल घूमने लगता है। इस प्रक्रिया से विद्युत धारा उत्पन्न होती और इसे बिजली के रूप में उपयोग किया जाता है।