समुद्र में किसी देश की सीमा कैसे तय की जाती है?

​भारत सात देशों से अपनी स्थलीय सीमा और दो देशों से जल सीमा साझा करता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि समुद्र में किसी देश की सीमा कैसे तय की जाता है? अगर आपको नहीं पता तो चलिए आज हम आपको इस सवाल का सही जवाब बताते हैं।

भारत के पड़ोसी देश
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भारत के पड़ोसी देश

भारत सात देशों से अपनी स्थलीय सीमा और दो देशों से जल सीमा साझा करता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि समुद्र में किसी देश की सीमा कैसे तय की जाता है?

एग्जाम का सवाल
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एग्जाम का सवाल

इस तरह के सवाल यूपीएससी समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते हैं। ऐसे में अगर आपको नहीं पता तो हम इस सवाल का सही जवाब बताने जा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समझौता
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अंतरराष्ट्रीय समझौता

दरअसल, सागरों और महासागरों पर देशों के अधिकार तय करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता हुआ था। यह समझौता संयुक्त राष्ट्र की समुद्री कानूनी संधि (UNCLOS-1982) के अंतर्गत किया गया था।

समुद्री सीमा के तीन हिस्से
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समुद्री सीमा के तीन हिस्से

किसी भी देश की समुद्री सीमा को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला आधार सीमा, दूसरा क्षेत्रीय सीमा और तीसरा एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन है। आधार सीमा का विस्तार देश के धरातल से 12 समुद्री मील तक होता है। इसमें उस देश के आसपास के द्वीप शामिल होते हैं।

कहां तक होगी सीमा
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कहां तक होगी सीमा

वहीं, क्षेत्रीय सीमा देश के धरातल से 24 समुद्री मील दूरी तक होती है। इस क्षेत्र पर उस देश का पूरा अधिकार होता है। जबकि, एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) के अंदर देश किसी भी तरह का समुद्री व्यापार कर सकता है। इसकी सीमा 200 समुद्री मील यानी 370 किलोमीटर पर होती है।

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