PhD जरूरी नहीं, अब ऐसे बनें सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर, पास करनी होगी ये परीक्षा

विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे युवाओं को यूजीसी के नए नियम और न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बारे में जान लेना चाहिए। असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब पीएचडी स्कॉलर होना जरूरी नहीं है। UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए PhD अनिवार्य नहीं है। आइए जानते है अब किस परीक्षा को पास करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर
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असिस्टेंट प्रोफेसर

किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में शुरुआती स्तर पर असिस्टेंट प्रोफेसर की ही भर्तियां होती हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नई भर्तियां होने के लिए पीएचडी की योग्यता मांगी जाती था। संबंधित सब्जेक्ट में पीएचडी करने वाले ही इसके लिए आवेदन कर सकते थे।

बदल गया नियम
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बदल गया नियम

हाल ही में यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। नए नियम के तहत अब पीएचडी ना करने वाले भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।

क्या है न्यूनतम योग्यता
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क्या है न्यूनतम योग्यता?

किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता के तौर पर नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी UGC NET पास को माना जाएगा। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत नए बदलाव किए गए हैं।

क्या है UGC NET
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क्या है UGC NET?

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से हर साल यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में 75 फीसदी से पास होने वालों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी JRF मिलता है। वहीं, पास होने वाले कैंडिडेट्स को NET सर्टिफिकेट मिलता है। नेट पास होने के बाद PhD में दाखिला ले सकते हैं।

PhD के लिए भी बदला नियम
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PhD के लिए भी बदला नियम

Dual Degree के सात चार साल वाले ग्रेजुएशन प्रोग्राम लॉन्च किए जा गए हैं। इसके तहत 4 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री रखने वाले अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें 75 फीसदी अंक के साथ पास होना जरूरी है। UGC की ऑफिशियल वेबसाइट- ugc.gov.in पर इसकी डिटेल्स चेक कर सकते हैं।

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