ग्रेजुएशन का झंझट खत्म! 12वीं पास भी बन सकते हैं प्राइमरी टीचर, क्या है DElEd पर हाईकोर्ट का फैसला

सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने की इच्छा रखने वालों के लिए काम की खबर है। उत्तर प्रदेश के प्री डीएलएड कोर्स को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12वीं पास को UP DElEd Entrance Exam में आवेदन करने की इजाजत दी है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब नया नियम कैसा होगा आइए विस्तार से जानते हैं।

UP DElEd Admission 2024
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UP DElEd Admission 2024

उत्तर प्रदेश के डीएलएड कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया 18 सितंबर को शुरू हुई थी। इसमें 9 अक्टूबर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स को 9 अक्टूबर 2024 तक का समय है।

क्या है DElEd
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क्या है DElEd?

DElEd एक डिप्लोमा प्रोग्राम है। इसमें दाखिले के लिए अलग-अलग राज्यों में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती है। यह दो साल का कोर्स है जिसमें ट्रेनिंग नहीं शामिल होती है। मुख्य रूप से प्राइमरी टीचर यानी PRT के लिए DElEd की योग्यता मांगी जाती है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि इंटरमीडिएट यानी 12वीं पास की योग्यता वाले अब डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (UP DElED) के लिए आवेदन के पात्र होंगे। यह फैसला कोर्ट न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने यशांक खंडेलवाल सहित 9 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

ग्रेजुएशन की अनिवार्यता खत्म
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ग्रेजुएशन की अनिवार्यता खत्म

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएलएड पर अपने फैसले में कहा है कि इसके लिए ग्रेजुएशन की अनिवार्यता खत्म की जाती है। हालांकि, यूपी शिक्षा बोर्ड ने इस फैसले का विरोध किया है।

क्यों लिया गया फैसला
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क्यों लिया गया फैसला?

पिछले साल प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) की 10,600 और 2,974 निजी कॉलेजों में एडमिशन लिए जा रहे थे। इसके लिए कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए 3,36,187 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से 1,63,250 अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश लिया था। यही कारण है कि इस 12वीं पास को दाखिला दिया जा रहा है। और पढ़ें

खाली रह गई थीं 70000 सीटें
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खाली रह गई थीं 70000 सीटें

पिछले साल BEd अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अयोग्य कर दिया गया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी किया था। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में डीएलएड की 70,100 सीटें खाली रह गई थीं। वहीं, डीएलएड पाठ्यक्रम चला रहे कॉलेज के प्रबंधकों को सीटें फुल होने की उम्मीद थी।

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