कैसे बनते हैं Marcos कमांडो, जानें कितनी मिलती है सैलरी
How To Become Marcos Commando: जब दुनिया के सबसे खतरनाक कमांडो की बात की जाती है तो मार्कोस कमांडो को इस लिस्ट में शामिल किया ( Marcos Commando Salary) जाता है। इन कमांडो को अमेरिकी नेवी सील्स के तर्ज पर तैयार किया ( Marcos Commando Salary Per Month) जाता है। मार्कोस कमांडो को मरीन कमांडो भी कहा जाता है। यह इंडियन नेवी के अंतर्गत ( Marcos Commando Salary Salary) आते हैं। ऐसे में अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि मार्कोस कमांडो कैसे बनते हैं और मार्कोस कमांडो की सैलरी कितनी होती है। यदि आप भी नहीं जानते हैं कि मार्कोस कमांडो कैसे बनते हैं तो यहां जान सकते हैं।
मार्कोस कमांडो
मार्कोस कमांडो को मरीन कमांडो भी कहा जाता है। यह जमीन, हवा और समुद्र हर तरह के वातावरण में दुश्मन को ढेर करने में सक्षम होते हैं। यही कारण है कि इनका नाम सुनते ही दुश्मनों की रूह कांप जाती है।
कब हुआ मार्कोस का गठन
मार्कोस का गठन साल 1987 में किया गया था। हालांकि मार्कोस कमांडो बनना आसान नहीं होता है। इंडियन नेवी के 1200 सैनिकों में से मात्र 6 सैनिक ही मार्कोस में शामिल किये जाते हैं।
कैसे बनते हैं मार्कोस कमांडो
सबसे पहले आपको बता दें मार्कोस कमांडो के लिए डायरेक्ट अप्लाई नहीं किया जा सकता है। इंडियन नेवी के कमांडो ही मार्कोस के लिए पात्र माने जाते हैं। यहां अभ्यर्थियों का पहले फिजिकल टेस्ट होता है। इसके बाद क्वालीफाइड टेस्ट होता है, जो कि तीन दिनों तक चलता है। करीब 90 प्रतिशत उम्मीदवार यहां रिजेक्ट कर दिए जाते हैं।और पढ़ें
पांच हफ्टे की कड़ी ट्रेनिंग
यहां चयनित होने वाले उम्मीदवारों पांच हफ्ते की शुरुआती ट्रेनिंग होती है। यह ट्रेनिंग इतनी खतरनाक होती है कि आधे से ज्यादा जवान यहां से वापस लौट जाते हैं। ट्रेनिंग के दौरान जवान को सोने की इजाजत नहीं होती है।
तीन साल की ट्रेनिंग
इन पांच हफ्तों की ट्रेनिंग में सफल होने वाले तीन वर्ष की ट्रेनिंग के लिए पात्र माने जाते हैं। इस ट्रेनिंग में एक के बाद एक खतरनाक स्टंट करवाए जाते हैं। यहां पहले जवान को कमर से ऊपर तक भरे कीचड़ में करीब 25 किलो वजन लेकर दौड़ना होता है। इसके बाद जवान को दो ट्रेनिंग HAHO और HELLO करना होता है। यहां हवा और पानी में भी खतरनाक ट्रेनिंग करवाई जाती है।और पढ़ें
कितनी होती है मार्कोस कमांडो की सैलरी
वहीं मार्कोस कमांडो के सैलरी की बात करें तो अन्य नेवी के जवानों से ज्यादा होती है। मार्कोस कमांडो को प्रतिमाह सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी दी जाती है। यहां बेसिक पे 25000/ शिप डाइविंग अलाउंस 85000 से 10000/ मार्कोस अलाउंस 25000 रुपये होता है। ध्यान रहे बेसिक पे रैंक के आधार पर तय होता है।
हार्ड एरिया और हाइपर एक्टिव एरिया
इसके अलावा जिन मार्कोस को हार्ड एरिया में भेजा जाता है उन्हें बेसिक पे का 20 प्रतिशत अतिरिक्त दिया जाता है। वहीं हाइपर एक्टिव एरिया में भी अतिरिक्त पैसा दिया जाता है। जबकि फील्ड एरिया अलाउंस 16,900 रुपये होता है। ऐसे में मार्कोस की सैलरी प्रतिमाह करीब 1 लाख से ज्यादा होती है।
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