हादसे में खो दिए हाथ और पैर, तीन उंगलियों से UPSC देकर IAS बने सूरज

IAS Suraj Tiwari Motivational story: रेल हादसे में दोनों पैर और एक हाथ खोने वाले सूरज तिवारी ने भारत की सबसे कठिन परीक्षा यानी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने 971वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनकर दम लिया।

आईएएस सूरज तिवारी
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आईएएस सूरज तिवारी

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2022 (यूपीएससी) में मैनपुरी जिले के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले सूरज तिवारी ने 971वीं रैंक हासिल की थी। पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने इस कठिन एग्जाम को क्लियर कर लिया।

दिलचस्प है कहानी
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दिलचस्प है कहानी

कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... ये पंक्तियां मैनपुरी के सूरज तिवारी पर सटीक बैठती हैं।

क्रैक किया यूपीएससी
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क्रैक किया यूपीएससी

दर्द को अपनी ताकत बना सूरज तिवारी ने जो कारनामा किया, उसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रेल हादसे में दोनों पैर और एक हाथ खो चुके सूरज तिवारी ने यूपीएससी क्रैक कर इतिहास रच दिया है।

सूरज तिवारी की कहानी
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सूरज तिवारी की कहानी

सूरज तिवारी मैनपुरी जिले के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले राजेश तिवारी के बेटे हैं। सूरज को शुरुआती झटका तब लगा जब वह सीबीएसई से 12वीं की परीक्षा में फेल हो गए।

रेल हादसे में गंवाए पैर और हाथ
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रेल हादसे में गंवाए पैर और हाथ

साल 2017 में वह बीएससी कर रहे थे। बता दें कि सूरज तिवारी 24 जनवरी 2017 को रेल से यात्रा कर रहे थे। दादरी में ट्रेन से यात्रा के वक्त उनके साथ एक दुर्घटना हुई जिसमें उन्होंने अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था।

नहीं टूटा हौसला
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नहीं टूटा हौसला

इस भयानक हादसे के बाद उनका जज्बा नहीं टूटा और वह तैयारी में जुट गए। वर्ष 2018 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली में नए सिरे से बीए में प्रवेश लिया। वहां से वर्ष 2021 में बीए पास किया और एमए के प्रवेश ले लिया।

सूरज तिवारी एजुकेशन
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सूरज तिवारी एजुकेशन

सूरज तिवारी ने प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल से की। 2011 में एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से दसवीं और 2014 में संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण किया। सूरज के पिता राजेश तिवारी दर्जी का काम करते हैं।

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