भारत की बेटी ने सुलझाई 100 साल पुरानी गणित की पहेली, अमेरिका भी हो गया हैरान

अमेरिका की पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही भारतीय मूल की छात्रा दिव्या त्यागी ने एरोडायनामिक्स की 100 साल पुरानी गणित की पहले हल कर इतिहास रच दिया है। इसके बाद अब विंड टरबाइन डिजाइन करने के नए रास्ते खुल गए हैं। दिव्या की इस उपलब्धि ने भारत का नाम वैश्विक पटल पर रोशन किया है। उनकी सफलता विज्ञान और खोज में नया रास्ता खोल रही है।

कौन हैं दिव्या
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कौन हैं दिव्या

पेन स्टेट यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स कर रही दिव्या ने ब्रिटिश एरोडायनामिक्स एक्सपर्ट हरमन ग्लाउर्ट के काम को और बेहतर बनाया है।

दिव्या का कारनामा
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दिव्या का कारनामा

ग्लाउर्ट का रिसर्च विंड टरबाइन की मैक्सिमम अटेनेबल पावर कॉएफिशिएंट पर फोकस्ड था। दिव्या वर्तमान में कम्प्यूटेशनल फ्लुइड डायनेमिक्स (सीएफडी) में अत्याधुनिक रिसर्च कर रही हैं।

एंथनी ई वॉक पुरस्कार से सम्मानित हुईं
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एंथनी ई. वॉक' पुरस्कार से सम्मानित हुईं

दिव्या त्यागी ने वायुगतिकी से जुड़ी 100 साल पुरानी गणितीय समस्या को हल करने के बाद इतिहास रचा है। उनके शोध को 'विंड एनर्जी साइंस' पत्रिका में प्रकाशित किया गया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें 'एंथनी ई. वॉक' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

क्या होगा फायदा
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क्या होगा फायदा

वह पवन टरबाइन तकनीक को उन्नत करने के अलावा विमानन सुरक्षा में सुधार करने के लिए भी काम कर रही हैं। उनका काम पवन ऊर्जा और हेलीकॉप्टर उड़ान सिमुलेशन को बेहतर बनाने पर आधारित है।

दिव्या के शोध से होगा फायदा
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दिव्या के शोध से होगा फायदा

आपको जानकर खुशी होगी कि दिव्या के शोध का असर पवन ऊर्जा उत्पादन और लागत को कम करने पर पड़ सकता है।

विमानन क्षेत्र में लाभ
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विमानन क्षेत्र में लाभ

दिव्या के प्रयासों से भविष्य में पवन ऊर्जा और विमानन क्षेत्र में नई तकनीकों का विकास हो सकता है।

अमेरिकी नौसेना ने भी सराहा
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अमेरिकी नौसेना ने भी सराहा

उनकी परियोजना को अमेरिकी नौसेना से भी समर्थन मिला है। दिव्या के सलाहकार स्वेन श्मिट्ज़ ने उनके काम को बेहद प्रभावशाली बताया है।

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