IIT बॉम्बे से पढ़ने के बाद चुनी देश सेवा की राह, इंजीनियर राधिका ने सेना में मेजर बन रचा इतिहास

Meet Major Radhika Sen an IIT Bombay Engineer Success story: मेजर राधिका सेन बायोटेक इंजीनियर हैं। ईआईटी बॉम्बे में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया। 1993 को जन्मी मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं और संयुक्त राष्ट्र की ओर से उन्हें प्रतिष्ठित जेंडर एडवोकेट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) के अवसर पर जानें उनकी सफलता की कहानी।

मेजर राधिका सेन
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मेजर राधिका सेन

गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) के अवसर पर हम आपको मिलवाने वाले हैं भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन से। उनकी सफलता की कहानी काफी दिलचस्प और प्रेरणादायक है।

संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार मिला
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संयुक्त राष्ट्र का पुरस्कार मिला

1993 को जन्मी मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं और संयुक्त राष्ट्र की ओर से उन्हें प्रतिष्ठित जेंडर एडवोकेट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सेन मेजर सुमन गवानी के बाद यह सम्मान पाने वाली दूसरी भारतीय पीस कीपर हैं।

आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई
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आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई

मेजर राधिका सेन बायोटेक इंजीनियर हैं। ईआईटी बॉम्बे में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया।

हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक
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हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक

राधिका सेन का जन्‍म साल 1993 में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम ओंकार सेन और माता का नाम निर्मला सेन हैं।

ऐसा है परिवार
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ऐसा है परिवार

उनके पिता एनआइटी हमीरपुर में कार्यरत थे, जबकि मां निर्मला सेन चौहारवैली के कथोग स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात थीं। हालांकि, अब दोनों रिटायर्ड हो चुके हैं।

स्कूली शिक्षा
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स्कूली शिक्षा

राधिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की।आगे की पढ़ाई के लिए वह चंडीगढ़ चली गयीं और यहां के माउंट कार्मल स्कूल में एडमिशन ले लिया।

सेना में जाने का था सपना
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सेना में जाने का था सपना

इसके बाद उन्होंने बीटेक (बायोटेक्नोलॉजी) की पढ़ाई की। बचपन से ही वह भारतीय सेना ज्‍वाइन करने का ख्‍वाब देखा करती थीं।

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