चाणक्य बुद्धि वाले भी नहीं पढ़ पाएंगे संस्कृत के ये 5 शब्द, क्या आपमें है दम
Most Difficult Sanskrit words: संस्कृत सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। कहा जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति वैदिक संस्कृत के रूप में 1700-1200 ईसा-पूर्व के आसपास हुई। वहीं इतिहासकारों की मानें तो संस्कृत भाषा का इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना है। इसे देवताओं की भाषा भी कहा जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए संस्कृत के 5 सबसे कठिन शब्द लेकर आए हैं। यदि एक भी शब्द एकबार में आप लिख लेते हैं तो हम आपको धुरंधर माने जाएंगे।
संस्कृत के 5 सबसे कठिन शब्द
संस्कृत भाषा हिंद आर्य की भाषा है। इसे कई भाषाओं का जनक भी कहा जाता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए संस्कृत के 5 सबसे कठिन शब्दों की लिस्ट लेकर आए हैं।
चाणक्य बुद्धि वाे भी नहीं पढ़ पाए
अपने आपको चाणक्य बुद्धि बताने वाले भी संस्कृत के इन 5 शब्दों को एकबार में नहीं पढ़ पाए हैं। यदि आप पढ़ लेते हैं तो हम आपको धुरंधर मान जाएंगे।
निरन्तरान्धकारित
निरन्तरान्धकारित को संस्कृत के कठिन शब्दों की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इसका मतलब सदा अंधेरे में रहने वाला होता है।
अभिरामस्त्रिलोकाणां
इस शब्द का हिंदा अर्थ तीन लोक के अभिराम होता है। यह भी सबसे कठिन शब्दों में से एक है।
शल्यचिकित्सक:, शाश्वरधर्मगोप्ता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शल्यचिकित्सक का मतलब सर्जन होता है। वहीं शाश्वरधर्मगोप्ता का अर्थ सनातन धर्म का अनुरक्षक होता है।
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