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फोटो कॉपी की दुकान करते हैं पिता और बेटी बनी पायलट, बचपन में देखा था आसमान में उड़ने का सपना

Pilot Shreya shandilya Success story: बचपन में अपने घर की छत पर खड़े होकर आसमान में उड़ते विमान को देखकर पायलट बनने का सपना देखने वाली मध्य प्रदेश के सागर की श्रेया शांडिल्य ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने महज 23 साल की उम्र में अपने बचपन के सपने को पूरा कर लिया। श्रेया सागर से पहली महिला पायलट बनी हैं। इंडिगो एयरलाइन में जूनियर फर्स्ट आफिसर बनी हैं। महिला दिवस (Women's Day) पर श्रेया की कहानी लाखों महिलाओं को प्रेरित कर सकती है।

श्रेया बनीं पायलट श्रेया बनीं पायलट
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श्रेया बनीं पायलट

सागर के गोपालगंज निवासी श्रेया शांडिल्य महिला पायलट बनी हैं। श्रेया ने अपने बचपन के सपने को महज 23 साल की उम्र में साकार कर दिखाया।

बचपन का सपना किया पूरा बचपन का सपना किया पूरा
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बचपन का सपना किया पूरा

उन्होंने इंडिगो एयरलाइन्स ज्वाइन की है। श्रेया अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट एयरबस-320 यात्री विमान लेकर उड़ेंगी। बचपन में श्रेया छत पर खड़े होकर आसमान में विमानों को उड़ते देखा करती थीं और उसकी वक्त ये तय कर लिया था कि एक दिन विमान की पायलट बनेंगी।

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प्रेरणा देती है कहानी

महिला दिवस के अवसर पर उनकी कहानी उन लाखों महिलाओं को प्रेरित कर सकती है जो आसमान में उड़ने का सपना तो देखती हैं लेकिन उसे पूरा नहीं कर पातीं।

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इंडिगो में लगी नौकरी

उन्होंने इंडिगो एयरलाइन में जूनियर फर्स्ट आफिसर (जेएफओ) के पद पर ज्वाइन किया है। 5 वर्ष की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।

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पिता क्या करते हैं

श्रेया के पिता अवधेश शांडिल्य फोटो कॉपी की दुकान चलाते हैं। पिता ने बेटी के सपने को पूरा करने के लिए खुद को पूरी तरह झोंक दिया।

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200 घंटे की ट्रेनिंग

कैप्टन श्रेया ने 2019 में मध्यप्रदेश फ्लाइंग क्लब इंदौर से 200 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) लिया था।

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प्रेरणा देती हैं श्रेया

श्रेया उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो ऊंचे ख्वाब तो देखती हैं लेकिन उन्हें पूरा करने से पहले ही पीछे हट जाती हैं ।