बंदूक पर भारी कलम, कश्मीर की पहली महिला IPS बनीं रुवेदा सलाम, UPSC के लिए छोड़ी डॉक्टरी

कश्मीर की घाटियां जितनी खूबसूरत है वहां उतनी ही शानदार हूनर रखने वाले लोग भी रहते हैं। इसी की एक उदाहरण हैं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला IPS ऑफिसर डॉक्टर रुवेदा सलाम। आतंक और पत्थरबाजी के भरे माहौल के बीच कश्मीर में रहकर ही रुवेदा ने देश की सबसे कठिन UPSC परीक्षा को दो बार पास किया और IPS बनीं। आइए उनकी सफलता के पीछे के संघर्ष को और करीब से जानते हैं।

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बंदूकों का खौफ

रुवेदा सलाम की परवरिश बंदूकों के खौफ के बीच हुई। तमाम मुश्किलों का डट कर मुकाबला करते हुए रुवेदा ने MBBS और UPSC जैसी परीक्षा में सफलता हासिल की है। वो वर्तमान में आईएएस के पद पर तैनात हैं।

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कुपवाड़ा की रहने वाली

IPS रुवेदा सलाम कश्मीर के कुपवाड़ा की रहने वाली हैं। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाली रुवेदा को कश्मीर के माहौल के चलते स्कूलिंग में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक इंटरव्यू में वो बताती हैं कि उनके पिता उन्हें पढ़ा लिखाकर एक अफसर बनाना चाहते थे।

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बंद हो जाते थे स्कूल

कश्मीर के हालातों के चलते एक लड़की के लिए पढ़ाई करना आसान नहीं था। रुवेदा जिस माहौल में रहती थी, वहां हर वक्त बंदूकों का खौफ रहता था। कई बार स्कूल बंद हो जाते थे, इससे पढ़ाई पर असर पड़ता था। इसके बावजूद रुवेदा ने पढ़ाई जारी रखी।

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पहले बनीं डॉक्टर

रुवेदा के पास MBBS की डिग्री है। श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। वो कुछ समय बतौर डॉक्टर भी प्रैक्टिस कर चुकी हैं। इस दौरान ही उनका मन सिविल सर्विस में जाने का हुआ और वो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गईं।

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पास की UPSC परीक्षा

रुवेदा ने साल 2013 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी और पास भी हो गईं। इसी सफलता के साथ वह कश्मीर की पहली महिला आईपीएस बन गईं। रुवेदा ने ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद गईं। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने तमिलनाडु में आईपीएस कैडर में ज्वाइन किया।

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बनीं IAS ऑफिसर

डॉक्टर रुवेदा सलाम चेन्नई में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस काम कर चुकी हैं। इसके बाद साल 2015 की यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल हुईं। इस बार उनका चयन आईएएस ऑफिसर के तौर पर हुआ।