होम लाइव टीवी citiesशहर फोटोज अगली
खबर

पिता दिहाड़ी मजदूर, खुद ठेले पर बेची चाय, फिर यूपीएससी क्रैक कर IAS बन गया ये लड़का

UPSC Success Story: कड़ी मेहनत व संघर्ष से व्यक्ति बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। यहां हम आपको एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे जिसका बचपन बेहद गरीबी में बीता। स्कूल जाने के लिए रोजाना 70 किमी का सफर किया। इतना ही नहीं पिता का हाथ बंटाने के लिए चाय की दुकान पर काम करना तक स्वीकार किया, लेकिन हार नहीं मानी और अपनी मेहनत व लगन से अपने मुकाम को हासिल कर लिया।

आईएएस हिमांशु गुप्ता आईएएस हिमांशु गुप्ता
01 / 05
Share

आईएएस हिमांशु गुप्ता

ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं, तुमने मिरा कांटों भरा बिस्तर नहीं देखा। बशीर बद्र साहब की ये लाइन आईएएस हिमांशु गुप्ता पर सटीक बैठती है।

इतने किलोमीटर दूर था स्कूल इतने किलोमीटर दूर था स्कूल
02 / 05
Share

इतने किलोमीटर दूर था स्कूल

उत्तराखंड में जन्में हिमांशु गुप्ता का जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान हिमांशु ने बताया था कि उनका स्कूल करीब 35 किमी दूर था। ऐसे में रोजाना आना जाना करीब 70 किमी हो जाता था।

03 / 05
Share

पिता करते थे दिहाड़ी मजदूरी

उन्होंने बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे। लेकिन इससे घर का खर्च ना चल पाने के कारण उन्होंने चाय का ठेला लगाना शुरू कर दिया। वह स्कूल से आने के बाद पिता के साथ चाय की दुकान पर लग जाते थे। हिमांशू ने बताया कि कई बार स्कूल के बच्चे इसका मजाक भी बनाया करते थे।

04 / 05
Share

ठान लिया IAS बनना

इस दौरान जब हिमांशु ने देखा कि लोगों को उंगलियों पर पैसे गिनने में दिक्कत होती है तो उन्होंने ठान लिया कि वह पढ़ाई के जरिए ही अपनी जिंदगी बदलेंगे।

05 / 05
Share

तीसरी बार में बने आईएएस

हिमांशु ने साल 2018 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस दौरान भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के लिए उनका चयन हुआ। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और दूसरे प्रयास में आईपीएस के लिए चयन हुआ। लेकिन इसके बाद भी हार नहीं मानी और 2020 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए और आईएएस बन गए।